आंदोलन के सभी चरणों को सफल बनाने का संकल्प दोहराया
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा/बागेश्वरः अपनी विभिन्न 15 सूत्रीय मांगों की पूर्ति की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन पर उतरे डिप्लोमा फार्मासिस्टों का दो घंटे का कार्य बहिष्कार आज गुरुवार को भी जारी रहा। जिससे दो घंटे दवा वितरण का कार्य प्रभावित रहा और मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
डिप्लोमा फार्मासिस्ट प्रदेश शासन की उनकी मांगों के प्रति अरुचि तथा महानिदेशालय स्तर से नकारात्मक कार्यशैली का विरोध कर रहे हैं और मांगों की पूर्ति के लिए अपने प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर चरणबद्ध आंदोलन पर उतरे हैं। इसी क्रम में अल्मोड़ा में भी सभी सरकारी अस्पतालों में फार्मासिस्टों ने सुबह 8 से 10 बजे तक दो घंटे कार्य बहिष्कार किया। इस दौरान अनसुनी के खिलाफ नारेबाजी की गई।
डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डीके जोशी ने बताया कि यह क्रम चलता रहेगा और इसके बाद अगले चरण में 8 मई 2023 से 13 मई 2023 तक महानिदेशालय स्तर पर धरना प्रदर्शन व क्रमिक अनशन किया जाएगा जबकि पंचम चरण में 15 मई 2023 को संगठन के प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक होगी। अगर तब तक सकारात्मक निर्णय सामने नहीं आया, तो आंदोलन के आखिरी चरण की घोषणा कर दी जाएगी। जिसकी जिम्मेदारी विभागीय प्रशासन की होगी। इधर संगठन के जिला इकाई की एक वर्चुअल बैठक में आंदोलन के सभी चरणों को सफल बनाने का संकल्प लिया गया और अंत में फार्मासिस्ट कमल कुमार वर्मा की असामयिक मृत्यु पर गहरा शोक प्रकट किया गया। इस बैठक में जिलाध्यक्ष डीके जोशी के साथ ही रजनीश जोशी, जीएस कोरंगा, आनंद पाटनी, कैलाश पपनै, गोकुल मेहता, कैलाश थापा, जेपीएस मनराल, जितेंद्र देवड़ी आदि वर्चुअली जुड़े।
बागेश्वर में भी आंदोलन जारी
बागेश्वरः 15 सूत्रीय मांगों को लेकर डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने गुरुवार को दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया। उन्होंने जिला अस्पताल परिसर पर प्रदर्शन किया। जिससे जिला अस्पताल समेत अन्य चिकित्सालयों में दवा वितरण कार्य प्रभावित रहा। फार्मासिस्टों ने कहा कि वह चरणबद्ध आंदोलन पर हैं। मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन तेज करेंगे। जिले के फार्मासिस्टों ने जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कांडा, कपकोट, गरुड और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दो घंटे तक कार्य बहिष्कार किया। जिसके कारण दवाओं का वितरण रुक गया। सुदूरवर्ती गांवों से वर्षा में भी अस्पताल आए लोग परेशान रहे। कुछ रोगियों ने बाहर से भी दवाइयां खरीदी और गंतव्य को रवाना हुए।
एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राजेंद्र कपकोटी ने कहा कि मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के अधीन 63 पद वीआइपी ड्यूटी के लिए एक्टिवेट थे, वह अभी तक स्वीकृत नहीं हो सके हैं। 119 पदों के पद सोपान सहित मूल विभाग के फार्मासिस्ट संवर्ग में वापस नहीं किया जा रहा है। 10 वर्ष की सेवा पूरी होने पर प्रथम एसीपी का लाभ दिया जाए। केंद्र सरकार की भांति पेशेंट केयर भत्ता नहीं मिल सका है। पोस्टमार्टम भत्ता यानी पारिश्रमिक में व्याप्त विसंगति दूर नहीं की जा रही है। उन्हें 300 रुपये भत्ता दिया जाए। 35 वर्ष तक पदोन्नत नहीं होने पर फार्मासिस्ट को पूर्व की भांति एसीपी पदोन्नति वेतनमान दिया जाए। उन्होंने पुरानी पेंशन लागू करने की मांग भी की। इस दौरान केवलानंद धौनी, राजकुमार आर्य, हरि प्रसाद, पीसी तिवारी, अनिल कुमार, प्रकाश गोस्वामी, हेमवती नंदन, सुनील कुमार, हरीश सिंह ऐठानी, बचे सिंह खाती, अनीता रावल, आरएस कपकोटी, कमलेश कुमार, प्रेमा साह, राजेश जोशी, सुरेंद्र शाही आदि उपस्थित थे।