ALMORA NEWS: लैंगिक अपराध के मामले में अभियुक्त को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ालैंगिक अपराध के एक मामले में फैसला देते हुए विशेष सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान की अदालत ने अभियुक्त को पॉक्सो एक्ट के…

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सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
लैंगिक अपराध के एक मामले में फैसला देते हुए विशेष सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान की अदालत ने अभियुक्त को पॉक्सो एक्ट के तहत 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। आदेश में यह भी कहा है कि जिला कारागार में अब तक बिताई गई अवधि सजा में समायोजित होगी।
मामला अल्मोड़ा जनपद के सोमेश्वर थाना अंतर्गत का है। अभियोजन की कहानी के अनुसार 11 नवंबर 2019 को नाबालिग लड़की अपनी मां से पिनाथ के मेले में जाने की बात कहकर से गई, लेकिन शाम देर तक घर वापस नहीं लौटी। जब परिजनों को काफी ढूंढखोज के बाद भी उसका कहीं पता नहीं चला, तो उसकी गुमशुदगी की ​प्राथमिकी 13 नवंबर 2019 को सोमेश्वर थाने में दर्ज हुई। इसी बीच नाबालिग पीड़िता ने अभियुक्त के फोन से अपने दोस्त को नोएडा में होने की सूचना दी। दोस्त ने उसकी मां को यह सूचना पहुंचाई और मां ने पुलिस को यह सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 16 नवंबर 2019 को नोएडा जाकर ठिकाने से पीड़िता तथा अभियुक्त नरेंद्र राम पुत्र केशर राम, निवासी ग्राम बाख, पोस्ट मंडोली, थाना थराली, जिला चमोली (हाल निवासी दीपक विहार, खेड़ा कालौनी, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश) को बरामद कर लिया और दोनों को अल्मोड़ा ले आई।
पूछताछ में पीड़िता ने पुलिस को बताया कि जब वह मेले में जा रही थी, तो कौसानी से नरेंद्र उसे अपनी जीप में बिठाकर अल्मोड़ा ले आया। जहां से जीप में हल्द्वानी ले गया और वहां से बस में बिठाकर दिल्ली ले गया। दिल्ली से आटो में बिठाकर नोएडा अपने कमरे में ले गया। पीड़िता ने बताया कि नरेंद्र ने अपने कमरे में उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद पुलिस ने अभियुक्त नरेंद्र को ​पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और विवेचना अधिकारी ने विवेचना पूरी कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। मामले का विचारण विशेष सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा की अदालत में चला। मामले में अभियोजन की ओर से नौ गवाह न्यायालय में परीक्षित कराए गए तथा अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा, विशेष लोक अभियोजक भूपेंद्र कुमार जोशी, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी शेखर चंद्र नैनवाल, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी हरीश मनराल द्वारा मामले में सबल पैरवी की गई और दस्तावेजी साक्ष्य भी न्यायालय में प्रस्तुत किए गए। मंगलवार को विशेष सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा की अदालत ने पत्रावली में मौजूद मौखिक व दस्तावेजी साक्ष्यों का परिशीलन कर अभियुक्त नरेंद्र राम को धारा—5 (ठ) सपठित धारा—6 पॉक्सो एक्ट के तहत 10 साल के कठोर कारावास की सजा से दंडित किया है।

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