HomeUttarakhandBageshwarBageshwar Breaking: आरोपी पर दोषसिद्ध, 20 साल के कठोर कारावास की सजा

Bageshwar Breaking: आरोपी पर दोषसिद्ध, 20 साल के कठोर कारावास की सजा

⏭️ नेपाली महिला से बलात्कार और दुष्कर्म के बाद मासूम की हत्या का मामला

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वरः यहां विशेष सत्र न्यायाधीश आरके खुल्बे की अदालत ने एक बलात्कारी एवं मासूम की जघन्य हत्यारे को 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने इस आरोपी को दोषी पाया और फैसला सुनाया। इतना ही नहीं अलग-अलग धाराओं में कारावास की सजा सुनाते हुए उसे अर्थदंड से भी दंडित किया है।

मामला करीब एक साल पुराना यानी गत वर्ष 18 जून का है। मामले के मुताबिक मजदूरी के लिए आए कुछ नेपाली बागेश्वर कोतवाली क्षेत्रांतर्गत दाड़िमठौक के तिवारीगांव में मनोहर तिवारी के मकान में किराए पर रह रहे थे। 18 जून 2022 को मकान मालिक मनोहर तिवारी का पुत्र धीरज तिवारी उस वक्त नेपाली महिला के कमरे में घुसा, जब अन्य नेपाली काम पर गए थे और उसने डरा धमकाकर नेपाली महिला के साथ जबरन दुष्कर्म किया। जब वह दुबारा बलात्कार का प्रयास करने लगा, तो महिला भाग गई। इसके बाद वह बगल के कमरे में घुसा, जहां पीड़ित महिला की डेढ़ साल की मासूम ननद सोई थी। मगर हवशी धीरज तिवारी ने उस मासूम के साथ दुष्कर्म किया और इसके बाद गला दबाकर उसकी जघन्य हत्या कर डाली। इसके बाद वह बच्ची के शव को पास के गधेरे में पत्थर के नीचे दबा आया।

बाद में जब परिजनों को बच्ची नहीं दिखी, तो खोजबीन हुई। इस खोजबीन में बच्ची का शव गधेरे से बरामद हो गया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। अगले दिन बच्ची के शव का जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया और अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पूछताछ में पीड़ित महिला ने आपबीती बयां की और बताया कि धीरज तिवारी उसके साथ डरा-धमकाकर जबरन दुष्कर्म करता आ रहा था। 25 जून 2022 को पीड़ित महिला के बयानों के आधार पर पुलिस ने अज्ञात के स्थान पर धीरज तिवारी को आरोपी बनाते हुए उसके खिलाफ धारा 302, 376, 201, 504 और 55/6 पॉक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा कायम किया।

इसके बाद 26 जून 2022 को पुलिस ने आरोपी धीरज तिवारी को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। विवेचना के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल ‌किए गए। मामले पर विशेष सत्र न्यायालय और जिला सत्र न्यायालय में घटना के दो अलग-अलग मामलों पर विचारण हुआ। दुष्कर्म के बाद बच्ची की हत्या के मामले में पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक खड़क सिंह कार्की ने न्यायालय में 21 गवाह परीक्षित कराए। विशेष सत्र न्यायाधीश आरके खुल्बे ने अभियुक्त को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई और अर्थदंड से दंडित किया जबकि धारा 55/6 पॉक्सो एक्ट के तहत 20 वर्ष की कठोर कारावास व 25 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। इसके अलावा धारा 201 में दो वर्ष की सजा सुनाई है। यह भी व्यवस्था दी है कि अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर एक-एक साल का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।

दूसरी तरफ जिला सत्र न्यायालय में चले महिला से दुष्कर्म मामले में जिला अधिशासी अधिवक्ता फौजदारी गोविंद बल्लभ उपाध्याय एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी चंचल सिंह पपोला ने प्रबल पैरवी की और 10 गवाह अदालत के समक्ष परीक्षित कराए। जिला सत्र न्यायाधीश आरके खुल्बे ने आरोपी को धारा 376/504 में दो‌षसिद्ध पाया और उसे 10 वर्ष के कठोर कारावास व 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दं‌डित किया। अर्थदंड जमा नहीं करने पर आरोपी को छह माह का अतिरिक्त कारावास की अतिरिक्त सजा झेलनी होगी।

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