देहरादून। यहां लोग कुत्ता पालने का शौक तो रखते हैं लेकिन नगर निगम की बार-बार चेतावनी के बावजूद भी दूनवासी अपने पालतू कुत्ते का पंजीकरण नहीं करा रहे हैं। इसके लिए लोगों को भारी जुर्माने से भी गुजरना पड़ सकता है।
आपको बता दें कि पिछले वर्ष नगर निगम में लगभग 4000 कुत्तों का पंजीकरण हुआ था, जिसमें इस वर्ष अभी तक केवल 800 कुत्तों का पंजीकरण नवीनीकरण कराया गया है। ऐसे में अब निगम ने आने वाले सप्ताह से कुत्ता मालिकों पर जुर्माने की कार्रवाई के लिए चार टीम गठित कर दी हैं। सुबह और शाम को यह टीमें शहरभर में घूमकर पालतू कुत्तों की तलाश करेंगी और पंजीकरण नहीं होने पर संबंधित मालिक का 500 रुपये का चालान किया जाएगा। दूसरी बार पकड़े जाने पर 5000 रुपये का चालान व तीसरी बार मुकदमे की कार्रवाई होगी। नगर निगम ने 2014 में पालतू कुत्तों का पंजीकरण शुरू किया था।
निगम में पंजीकरण कराने पर कुत्ते को मालिक को 200 रुपये सालाना शुल्क देना पड़ता है पर यह मामूली शुल्क देने से बचने को मालिक कुत्तों का पंजीकरण नहीं कराते।
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पंजीकरण के लिए प्रविधान
- पंजीकरण फार्म के साथ पशु चिकित्सक से रैबीज से बचाने को लगने वाले टीके के लगे होने का प्रमाण-पत्र लाना होगा।
- जीवाणुनाशक का प्रमाण पत्र भी साथ लाना होगा।
- पंजीकरण के बाद नगर निगम संबंधित व्यक्ति को उसके नाम और पते वाला एक टोकन देगा।
- पंजीकरण के लिए 200 रुपये शुल्क जमा होगा।
- पालतू कुत्ते के किसी को काटने पर नुकसान की प्रतिपूर्ति उसके मालिक को करनी पड़ेगी।
नगर निगम के वरिष्ठ नगर पशु चिकित्साधिकारी डा. दिनेश तिवारी ने बताया कि नगर निगम ने पालतू कुत्तों के पंजीकरण न कराने वालों पर कार्रवाई की तैयारी कर ली है। इस वित्तीय वर्ष में 800 कुत्तों का पंजीकरण नवीनीकृत किया गया है। अगर अब भी लोग सजग नहीं हुए तो कार्रवाई निश्चित की जाएगी।
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