सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
नाबालिग बालिका का इंटरव्यू लेकर उसे प्रचारित करके बालिका की पहचान उजागर करने के मामले पर बाल कल्याण समिति अल्मोड़ा ने गंभीरता से संज्ञान लिया है और एसएसपी को पत्र लिखा है। इस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए एसएसपी पंकज भट्ट ने थानाध्यक्ष दन्या को संबंधित चैनलों व अन्य लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए। निर्देश के अनुपालन में थानाध्यक्ष दन्या ने संबंधित न्यूज चैनलों व अन्य लोगों के खिलाफ पोस्को अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम की धारा-74 के अन्तर्गत मुकदमा कायम कर लिया है। मामला दन्या थानांतर्गत आरा सल्पड़ गांव में पिछले दिनों हुई मारपीट के बहुचर्चित मामले से जुड़ा है।
बाल कल्याण समिति अल्मोड़ा ने बालिका के उस वायरल वीडियो पर संज्ञान ले लिया कि जिसमें कतिपय इलेक्ट्रॉनिक न्यूज चैनलों द्वारा मामले से जुड़ी नाबालिग बालिका का इंटरव्यू प्रचारित किया है और बालिका से अनर्गल तरीके से पूछताछ करते हुए उसकी पहचान उजागर की है। ऐसे में बालिका पर मनोवैज्ञानिक तौर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने, बालिका की सुरक्षा को खतरा होने तथा बाल हित प्रभावित होने की आशंका उभर आई है। समिति ने संबंधित न्यूज चैनलों के विरुद्ध आवश्यक वैधानिक कार्रवाई करने व बालिका को सुरक्षा प्रदान करने के संबंध में एसएसपी अल्मोड़ा को पत्र प्रेषित किया।
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इसके बाद एसएसपी पंकज भट्ट ने प्रकरण की संवेदनशीलता एवं गम्भीरता को भांपते हुए तत्काल थानाध्यक्ष दन्या सन्तोष देवरानी को मामले में आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए। निर्देश के अनुपालन में थानाध्यक्ष दन्या ने प्रकरण में शीघ्र कार्यवाही करते हुए संबंधित न्यूज चैनल व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व अन्य लोगों के विरुद्ध थाना दन्या में धारा- 23 पोस्को अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम की धारा-74 के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत कराया है। प्रकरण की निष्पक्ष विवेचना व आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने के उद्देश्य से विवेचना महिला थानाध्यक्ष श्वेता नेगी को सौंप दी है।
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एसएसपी ने सावधान कर की अपीलः एसएसपी पंकज भट्ट ने जनता को सावधान करते हुए स्पष्ट किया है कि सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशानुसार तथा विभिन्न नियमों के अंतर्गत नाबालिग पीड़िता/ नाबालिक विधि के विरोध में बालक/बालिका की पहचान व विद्यालय का पता उजागर करना दंडनीय अपराध है। उन्होंने कहा है कि नाबालिग का किसी भी प्रकार का प्रकटीकरण उसके फोटो को प्रसारित करना कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने अपील की है कि कोई भी ऐसा कृत्य नहीं करें, अन्यथा ऐसा होने पर कानूनी कार्यवाही करने के लिए पुलिस को बाध्य होना पड़ेगा।
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