तेजपाल नेगी
हल्द्वानी। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ रिमोट सेंसिंग (आईआईआरएस) ने जोशीमठ आपदा पर बड़ा खुलासा किया है। इसरो ने छह फरबरी और सात फरबरी के दो सैटेलाइट चित्रों के माध्यम से खुलासा किया है कि उस दिन असल में हुआ क्या था। प्लैनेट लैब से लिए गए इन सैटेलाइट चित्रों में साफ दिख रहा है कि एक पहाड़ी की चोटी पर एक बड़े क्षेत्र में छह फरबरी तक जमा बर्फ के ग्लेशियर सात फरबरी की सुबह अचानक गायब हो गए। यह बर्फ लगभग 14 वर्ग किमी इलाके से अचानक गायब हो जाने से साफ हो गया है कि इस क्षेत्र में जमे ग्लेशियर अचानक खिसक की धौलगंगा में जा समाए। आईआईआरएस के अनुमान के अनुसार इस दौरान दो से तीन मिलियन घन मीटर पानी नदी में आया होगा और इसकी वजह से नदी बाढ़ आई। माना जा रहा है कि लैंड स्लाइडिंग के बाद ग्लेशियर खिसक नदी में जा समाया । यह पूरा घटनाक्रम समुद्र तल से 5600मीटर की ऊंचाई पर हुआ।
यहां हम अपने पाठकों की सुविधा के लिए आईआईआरएस द्वारा खींचे गए चित्रों को भी प्रदर्शित कर रहे हैं। पहला चित्र 6 फरबरी का है जबकि दूसरा सात फरबरी का है। इसमें साफ दिख रहा है कि पहाड़ के एक हिस्से से बर्फ अचानक गायब हो गई।