भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 250 ट्वीट/ ट्विटर अकाउंट्स को सस्पेंड कर दिया है. इन अकाउंट पर फर्जी और भड़काने वाले ट्वीट्स व हैशटैग चलाने के आरोप हैं. किसान आंदोलन को लेकर इन अकाउंट्स से #ModiPlanningFarmerGenocide नाम के हैशटैग चलाए गए थे. इन हैशटैग का मतलब था, मोदी सरकार किसानों के जनसंहार की तैयारी कर रही है. सरकार ने यह फैसला गृह मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों की अपील के बाद लिया है. अपील में कहा गया था कि यह प्रदर्शन के दौरान दिक्कतें पैदा कर सकता है और देश की सुरक्षा को इससे खतरा है. ये अकाउंट्स 30 जनवरी को गलत और भड़काने वाले ट्वीट्स कर रहे थे.
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ब्लॉक किए गए अकाउंट्स में किसान एकता मोर्चा, द कारवां, मानिक गोयल, आप के पंजाब प्रमुख जरनैल सिंह, अजित रनाडे, मानव जीवन, Tractor2twitr और jatt_junction जैसे अकाउंट्स शामिल हैं. बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को लेकर ट्वीट कर रहे इन अकाउंट्स को लेकर ट्विटर को लीगल नोटिस भेजा था. केंद्र सरकार के नोटिस के बाद ट्विटर ने यह कदम उठाया है. सरकार के सूत्रों के मुताबिक जनसंहार वाली बात शांति व्यवस्था के लिए खतरा है. आईटी मंत्रालय ने इन ट्विटर अकाउंट्स को आईटी एक्ट के सेक्शन 69A के तहत ब्लॉक करने को कहा था.
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और भी अकाउंट्स पर नजर
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद ट्विटर ऐसे और अकाउंट्स की तलाश में है जो किसान आंदोलन को लेकर भ्रामक और उकसाने वाले ट्वीट्स कर रहे हैं. जिन अकाउंट्स को सस्पेंड किया गया है उन्हें खोलने पर एक मैसेज दिख रहा है जिसमें लिखा गया है. सरकार की तरफ से कानून अपील के बाद इस अकाउंट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
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ट्विटर की पॉलिसी
ट्विटर की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक ट्विटर संबंधित देश के कानून के हिसाब से अकाउंट्स ब्लॉक कर सकता है. ट्विटर का कहना है कि अभिव्यक्ति की आजादी के लिए ट्विटर पूरी पारदर्शिता से काम करता है लेकिन सरकार की तरफ से कानूनी अपील और वाजिब कारणों की दलील पर अकाउंट्स सस्पेंड किए जा सकते हैं. हम अकाउंट सस्पेंड करने पर संबंधित अकाउंट्स को इस बात की जानकारी देते हैं कि उनका अकाउंट किस वजह से ब्लॉक किया गया है.
रोक दी गई थी इंटरनेट सेवा
गौरतलब है कि गाजीपुर, टिकरी और सिंघु बॉर्डर व आसपास के इलाकों में भी हाल में इंटरनेट सेवा कुछ दिन के लिए रोक दी गई थी. कृषि कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान अब भी इन इलाकों में डटे हुए हैं. प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं के बाद प्रशासन और भी सख्त हो गया है.
साभार- आज तक