— स्थलीय निरीक्षण के बाद डीएम ने दिए योजना का खाका तैयार करने के निर्देश
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: प्रसिद्ध जागेश्वरधाम के निकट स्थित पौराणिक ऐरावत गुफा का जीर्णोद्धार होगा और यह गुफा पर्यटकों को आकर्षित करेगी। जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने गत बुधवार को इस गुफा का स्थलीय निरीक्षण किया और इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की अपार संभावना बताते हुए योजना तैयार करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने स्थलीय निरीक्षण में ऐरावत गुफा में पर्यटक विकास की संभावनाएं परखीं। उन्होंने कहा कि इसे विकसित किया जाएगा, ताकि पर्यटकों व श्रद्धाुओं को आकर्षित किया जा सके। पयर्टकों व श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेंगी, तो क्षेत्रवासियों की आजीविका बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि जागेश्वधाम और उसके आसपास के क्षेत्रों को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री भी प्रयासरत हैं। जिलाधिकारी ने मौके पर ही लोक निर्माण विभाग की अधिशाषी अभियंता को निर्देश दिए कि ऐरावत गुफा स्थल को विकसित करने का कार्य किया जाए। उन्होंने गुफा तक पहुंच मार्ग बनाने के साथ ही स्थल सौंदर्यीकरण तथा गुफा के ध्यान केंद्रों का डिजाइन व कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा डीएम आलोक कुमार पांडेय ने जटा गंगा के उद्गम स्थल का निरीक्षण करते हुए वहां पर सुधार कार्य के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जागेश्वर से जटा गंगा के उद्गम स्थल तक अच्छा इको ट्रैक के रूप में विकसित किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान उनके साथ जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष नवीन भट्ट, लोनिवि की ईई ऋचा भट्ट, तहसीलदार बरखा जलाल, पुजारी प्रतिनिधि नवीन चंद्र भट्ट आदि मौजूद रहे।
कभी संतों की ध्यान केंद्र थी यह गुफा
जागेश्वरधाम से करीब एक किमी दूर प्राचीन गुफा है, जो ऐरावत गुफा के नाम से प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि प्राचीन समय में इस गुफा में संत व तपस्वी ध्यान लगाते थे। इस गुफा के जीर्णोद्धार की मांग काफी समय से चल रही है। कई लोग आज भी इस गुफा को देखने पहुंचते हैं। दरअसल, यह गुफा एक विशाल चट्टान में स्थित है।जिसमें ऐरावत हाथी व इंद्र के वाहन जैसी छवि प्रतीत होती है। इसी कारण इसका नाम ऐरावत गुफा पड़ा है।