हल्द्वानी। कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में गए हरक सिंह रावत की टेढ़ी चाल सरकार को रास नहीं आई और सरकार ने चेतावनी स्वरूप उनसे भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी को वापस ले लिया है। उनके स्थान पर श्रम एवं संविदा बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह को अतिरिक्त जिम्मेदारी देते हुए कर्मकार कल्याण बोर्ड थमा दिया गया। इसी के साथ हरक सिंह रावत की खासमखास मानी जाने वाली दमयंती रावत की भी बोर्ड के सचिव पद से छुट्टी तय मानी जा रही है। दरअसल दमयंती रावत शिक्षा विभाग की बिना एनओसी के ही प्रतिनियुक्ति पर बोर्ड की सचिव बना दी गई थी।
कांग्रेस सरकार हो या भाजपा सरकार हरक सिंह रावत के मंत्रित्व काल में सबसे ज्यादा विवाद दमयंती रावत को लेकर ही होते रहे हैं। हरक को जो भी विभाग सरकार की ओर से दिया जाता है वे अपने से पहले दमयंती को वहां एडजस्ट अवश्य कराते हैं। भाजपा शासन में जब शिक्षा विभाग के बिना एनओसी के दमयंती को सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड का सचिव बनाया गया तो माध्यमिक शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की थी।
उत्तराखंड के हिंदी दैनिक हिंदुस्तान ने आज के अंक में यह खबर दी है कि अब हरक सिंह रावत से सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष पद छीन लिया गया है।
दरअसल हरक सिंह रावत की आप के नेताओं से नजदीकियों की खबरों ने भाजपा सरकार को कई दिनों से असहज कर रखा था। और जब देहरादून में आम आदमी पार्टी के एक कार्यक्रम में श्रमिकों को सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के लोगों लगी साइकिलें बंटी तो सरकार की परेशानी और बढ़ गई थी। सरकार इस मामले में जांच सीएम के आदेश पर हुई थी। नतीजा क्या निकला लेकिन इतना जरूर है कि बोर्ड की कार्यशौली पर सवाल उठने तय हैं। सरकार ने अवनी चाल चल दी है, अब देखना है कि हरक अपना कौन सा दांव चलते हैं।
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