बागेश्वर न्यूज : डीएम साहब टेली मेडिसन के लिए शुभकामनाएं, लेकिन बिना टेलीकॉम के कैसे सफल होंगे प्रयोग

बागेश्वर। जिले की लचर स्वास्थ्य सेवा से लोग काफी लम्बे समय से आजिज आए थे। किसी को उम्मीद भी नहीं थी कि स्वास्थ्य सेवाएं सुधर…

बागेश्वर। जिले की लचर स्वास्थ्य सेवा से लोग काफी लम्बे समय से आजिज आए थे। किसी को उम्मीद भी नहीं थी कि स्वास्थ्य सेवाएं सुधर सकेंगी। लेकिन युवा जिलाधिकारी विनीत कुमार ने इस लचर स्वास्थ्य सेवा को पटरी में लाने की ठान ली है। इसके लिए टेली मेडिसिन का सहारा लिया जा रहा है। अब गरीब और साधनहीन मरीजों को स्वास्थ्य केंद्रों में ही आसानी से इलाज मिल पायेगा। गंभीर रोगों के इलाज के लिए भी हायर सेंटर जाने की जरूरत कम ही पड़ेगी। मरीजों की परेशानियां कम होंगी साथ में समय भी बचेगा।
अभी पहले चरण में जिले के 4 स्वास्थ्य केंद्रों को टेली मेडिसिन से जोड़ा गया है।टेली मेडिसिन से जुड़ने से वहां के मरीजों को इलाज के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की मदद मिल सकेगी। इसे गंभीर मरीजों का इलाज भी स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को मिलने लगेगा। ये सुविधा अभी कौसानी, कंधार, छानी तथा बनलेख स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध है। जल्द ही टेली मेडिसिन सुविधा शामा और फरसाली जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में भी शुरू की जायेगी।
योजना का फायदा तो मरीजों को मिलेगा ही, मेडिकल स्टाफ को भी मिलेगा। उसके इलाज करने की क्षमता बढ़ेगी। जूनियर डॉक्टर का ज्ञान बढ़ेगा। सीजर आपरेशन भी किए जाएंगे। स्टाफ का ज्ञान बढ़ेगा। किसी खास रोग के मरीज की देखभाल करना सीखेंगे। साथ में इस व्यवस्था से गरीब मरीजों को सीधे लाभ मिलेगा। वे पैसे खर्च कर बड़े सेंटर में इलाज के लिए नहीं जा सकते, कई बार उन्हें कर्ज लेना पड़ता है । टेली मेडिसिन व्यवस्था के बाद उन्हें बड़े सेंटर में जाने की जरूरत कम पड़ेगी। वहीं दूसरी ओर टेली मेडिसिन सुविधा के साथ सबसे बढ़ी चुनौती इंटरनेट की होगी। पहले ही सभी टेलीकॉम कंपनियों के नेटवर्क जिलेभर में बहुत खराब है। इसके कारण कॉल ड्रॉप और इंटरनेट की समस्या तो बढ़ ही गई है, किसी भी कंपनी के नंबर पर सही से बात नहीं हो पा रही है साथ में इंटरनेट ना चलने के कारण सरकारी कामकाजों के साथ बैंक के काम भी अटक अटक के हो रहे हैं । कमेबोश यही हाल सभी कंपनियों के ब्रॉडबैंड का भी है। अब ऐसे हाल में टेली मेडिसिन से मरीज कैसे विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह लेंगे, ये स्वास्थ्य विभाग के लिये भी एक चुनौती होगी।


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