रुद्रप्रयाग। कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग के बीच केदारनाथ मंदिर के कपाट बुधवार को खोल दिए गए। पूरे विधि विधान और परम्पराओं के साथ आज सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर बाबा केदार के कपाट सादगी से खुले। केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग की मौजूदगी में मंदिर के द्वार खोले गए। कोरोना वायरस से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण श्रद्धालुओं को धाम में जाने की इजाजत नहीं है।
देवस्थानम बोर्ड के 16 लोगों को ही केदारनाथ जाने की अनुमति मिली है। इसके अलावा धाम में कुछ मजदूर और पुलिस के जवान मौजूद हैं। इस बार बाबा केदार की डोली एक दिन पहले केदारनाथ पहुंच गई थी। बता दें, इसके बाद एक बार फिर हमेशा की तरह यहां अगले छह महीने तक शिव की पूजा अर्चना की जाएगी।
बात अगर तापमान की करें तो इस समय यहां कड़ाके की ठंड होती है। इसके बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति में कोई कमी नहीं देखी जाती है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण श्रद्धालुओं को धाम में जाने की अनुमति नहीं है।
चारों धामों के सर्दियों में भारी बर्फवारी और भीषण ठंड की चपेट में रहने के कारण उनके कपाट हर साल अक्टूबर—नवंबर में श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिये जाते हैं, जो अगले साल दोबारा अप्रैल—मई में फिर खोल दिये जाते हैं।
गंगोत्री, यमुनोत्री के खुले कपाट
इससे पहले अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोल दिए गए थे। इसके साथ ही चार धाम यात्रा का आगाज भी हो गया था। तय शुभ मुहूर्त दोपहर 12।35 पर गंगोत्री धाम और 12।41 पर यमुनोत्री धाम के कपाट खोल दिए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर मंदिर समिति गंगोत्री को 1100 रुपये दान में दिए।
लॉकडाउन की पाबंदियों के चलते फिलहाल श्रद्धालुओं को धाम में आने की अनुमति नहीं है। कोरोना वायरस के कारण देशभर में जारी लॉकडाउन के चलते इस बार केवल 21-21 तीर्थ पुरोहितों को कपाट के उद्घाटन में शामिल होने की अनुमति मिली थी।
https://www.alvitrips.com/देवगढ़-का-इतिहास/