📌 झांसी जैसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने को सख्त कदम
सीएनई रिपोर्टर, सुयालबाड़ी। यूपी के झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में आग लगने से 10 नवजात की मौत की घटना के बाद से संपूर्ण उत्तराखंड प्रदेश में भी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों पर खास नजर रखी जा रही है। इसी क्रम में आज रविवार को एसडीएम विपिन पंत (SDM Vipin Pant) के नेतृत्व में प्रशासन की टीम ने सीएचसी सुयालबाड़ी (CHC Suyalbari) का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
उल्लेखनीय है कि झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एक नर्स की गलती की वजह से 10 नवजात बच्चों की जिंदगी खत्म हो गई थी। नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (NICU) में लगी आग ने वहां भयानक रूप धारण कर लिया था। बच्चों के वार्ड में एक ऑक्सिजन सिलेंडर के पाइप को लगाने के लिए वहां नर्स ने माचिस की तीली जलाई थी, जिसके बाद विस्फोट हो गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक आग बुझाने के लिए फायर फायर एक्सटिंग्विशर को एक्सपायर हुए साल भर का समय हो चुका था। ये केवल दिखावे के लिए ही रखे गए थे। इसके साथ ही फायर अलार्म का मेंटेनेंस नहीं करवाया गया था। जिससे समय पर सायरन नहीं बजा। और लोगों को घटना का पता चलने में देर हो गई।
इस तरह का हादसा अब उत्तराखंड प्रदेश के किसी अस्पताल में न हो इसके लिए खासी सावधानी बरती जा रही है। बता दें कि आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुयालबाड़ी में एसडीएम कैंचीधाम विपिन पंत ने औचक निरीक्षक किया। कानूनगो नरेश असवाल, पट्टी पटवारी विजय नेगी, माताहत कर्मचारी भी उनके साथ मौजूद थे। सीएचसी सुयालबाड़ी के प्रभारी डॉ. राहुल टम्टा और स्टॉफ नर्स कमलेश मौजूद रहे। एसडीएम ने आग बुझाने वाले उपकरणों व आक्सीजन सिलेंडरों का निरीक्षण किया। यहां यह बता दें कि स्वास्थ्य केंद्र में आक्सीजन सिलेंडरों की हालत संतोषप्रद नहीं कही जा सकती है। बताया गया है कि यहां कई पाइप लीकेज भी कर रहे हैं। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।