अल्मोड़ा कैंपस के मनोविज्ञान विभाग में ‘हैप्पीनेस लैब’ का शुभारंभ

✍️ कुलपति प्रो. सतपाल ने काटा रिबन, 04 दिनी कार्यशाला का भी आगाज सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा के मनोविज्ञान विभाग में…

अल्मोड़ा कैंपस के मनोविज्ञान विभाग में 'हैप्पीनेस लैब' का शुभारंभ
















✍️ कुलपति प्रो. सतपाल ने काटा रिबन, 04 दिनी कार्यशाला का भी आगाज

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा के मनोविज्ञान विभाग में आज ‘हैप्पीनेस लैब’ का शुभारंभ हो गया है। जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतपाल सिंह​ बिष्ट, विशिष्ट अतिथि पूर्व कुलपति एवं संकायाध्यक्ष प्रो. जगत सिंह बिष्ट, परिसर निदेशक प्रो. पीएस बिष्ट, कुलसचिव डा. देवेंद्र सिंह बिष्ट आदि ने संयुक्त रुप से​ रिबन काटकर किया। इसके साथ ही ‘हाउ टु मेंटेन योर मेंटल हेल्थ’ विषयक 04 दिनी कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।

इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट ने वर्तमान परिस्थितियों में विकृतियां निरन्तर बढ़ने पर चिंता जताई और कहा कि सभी को मानसिक स्वास्थ्य के उन्नयन के लिए सचेत होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मनोविज्ञान विभाग के प्रयास निश्चित ही विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों के साथ-साथ समाज में सकारात्मकता प्रवाहित करेगा। विशिष्ट अतिथि पूर्व कुलपति प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने मनोविज्ञान के भारतीय ज्ञान परम्परा को प्रस्तुत करते हुए कहा कि हमारे वेद, पुराणों उपनिषदों में मानसिक स्वास्थ्य को बनाये रखने की बात की है। उन्होंने कहा कि जब से मनुष्य का अस्तित्व है, तब से मनोविज्ञान का भी अस्तित्व है।विशिष्ट अतिथि पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. आराधना शुक्ला ने कहा कि आज के आधुनिक दौर में मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ्य रखना अति महत्वपूर्ण है।

अध्यक्षता करते हुए परिसर निदेशक प्रो. पीएस बिष्ट ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य का उन्नयन मन एवं विचारों की सकारात्मकता से है। उन्होंने मनोविज्ञान विभाग के आयोजनों की सराहना की। इससे पूर्व कार्यक्रम संयोजक एवं मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. मधुलता नयाल ने अतिथियों के स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। इसके पश्चात कार्यशाला के प्रथम तकनीकी सत्र में विषय विशेषज्ञ शेरिंग डोलकर ने यह समझाने का प्रयास किया कि मन और शरीर एक—दूसरे से संबंधित हैं। सभी प्रतिभागियों को ‘मानसिक तत्परता’ कराई गई। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ डॉ. वल्लरी कुकरेती ने माइंड फुलनेस, स्टोन रिचुअल्स, पॉजिटिव अफरमेशन एवं सेल्फ टॉक, लाफिंग आदि तकनीकों से रुबरु कराया। संचालन गीतम भट्ट व रजनीश जोशी ने किया।

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