दिल्ली पहुंचे कमलनाथ, समर्थकों का जमावड़ा
Kamalnath In BJP/ लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को एक के बाद एक तगड़े झटके लग रहे हैं। अबकी बार कांग्रेस के वरिष्ठ व दिग्गज नेता व मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ (Kamalnath) अपने पुत्र नकुलनाथ (Nakul Nath) ने भाजपा में जाने के कई संकेत दे दिए हैं। हालांकि कमलनाथ दिल्ली पहुंच चुके हैं, लेकिन अभी उन्होंने स्पष्ट रूप से कोई बयान जारी नहीं किया है। इसके बावजूद राजनैतिक घटनाक्रम से यही लग रहा है कि अब कमलनाथ का कांग्रेस से मोह भंग हो चुका है। चर्चा यह है कि वह अपने 22 से अधिक विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
सूत्रों की मानें तो कमलनाथ की नाराजगी की मुख्य वजह राहुल और प्रियंका के रवैये के चलते है। गांधी परिवार के लगातार पार्टी पर राज करने की नीति के चलते कांग्रेस बिखराव की ओर आ गई है। कहा जा रहा है कि कमलनाथ के भाजपा में शामिल होनी की तारीख और समय भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात के बाद तय होगी।
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— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) February 17, 2024
यह भी माना जा रहा है कि कमलनाथ की एंट्री कई शर्तों के साथ हो रही है। यदि कमलनाथ वास्तव में 22 से अधिक कांग्रेस विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हुए तो निश्चित तौर पर मध्य प्रदेश में कांग्रेस बिखर जायेगी। वर्तमान में ठीक वैसे ही हालात बन रहे हैं, जैसा कभी ग्वालियर-चंबल में ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने के बाद हुआ था।
मीडिया रिपोर्टस की मानें तो कमलनाथ ने बीजेपी में एंट्री से पहले एक रोडमैप भी तैयार कर लिया है। कमलनाथ यह सब जोश में नहीं, बल्कि एक तगड़ी रणनीति के तहत करने जा रहे हैं। बता दें कि कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के साथ दिल्ली पहुंच गए हैं। जिसके बाद से उनके समर्थक भी दिल्ली पहुंचने लगे हैं। समर्थकों ने इशारा कर दिया है कि अब कुछ बड़ा होने वाला है।
कमलनाथ एक परिचय और राजनीतिक सफर
कमलनाथ की छवि कांग्रेस के समर्पित सिपाही के रूप में रही है। उनका जन्म 18 नवंबर 1946 में कानपुर यूपी में हुआ था। उन्होंने स्कूली शिक्षा देहरादून स्कूल से की थी। इसके बाद सेंट जेवियर कॉलेज कोलकाता से उन्होंने कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया। 1979 में वह पहली बार छिंदवाड़ा से सांसद चुने गए। इसके बाद 1984, 1990, 1991, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में वे लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए।
कांग्रेस में रहते निभाईं अहम जिम्मेदारियां
कमलनाथ 1991 से 1994 तक केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री, 1995 से 1996 केंद्रीय कपड़ा मंत्री, 2004 से 2008 तक केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, 2009 से 2011 तक केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री, 2012 से 2014 तक शहरी विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री रहे।
इससे पूर्व 1968 में वे युवक कांग्रेस में शामिल हुए थे। 1976 में उत्तर प्रदेश युवक कांग्रेस का उन्हें प्रभार मिला। 1970 – 81 तक वे अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे। 1979 में युवा कांग्रेस की ओर से महाराष्ट्र के पर्यवेक्षक, 2,000-2018 तक वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और वमध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे।