Sahara Refund Portal : सहारा के लाखों निवेशकों के लिए Good News: लॉन्च हुआ सहारा रिफंड पोर्टल, जानिए पैसा वापस पाने का पूरा प्रोसेस
नई दिल्ली | सहारा इंडिया की को-ऑपरेटिव सोसाइटीज में निवेश करने वाले 10 करोड़ लोगों का फंसा पैसा वापस मिलेगा। इसकी शुरुआत 4 करोड़ निवेशकों से हो रही है। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को दिल्ली में ‘सहारा रिफंड पोर्टल’ लॉन्च किया।
शाह ने कहा कि इस पोर्टल के जरिए सहारा के निवेशकों को एप्लाई करने के 45 दिन में पैसा वापस मिलेगा। ये पैसा सीधे अकाउंट में ट्रांसफर किया जाएगा। पोर्टल के जरिए सहारा की 4 को-ऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशक ही आवेदन कर सकते हैं। निवेशकों में बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है। आगे पढ़ें…
इन 4 को-ऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशक कर सकेंगे आवेदन
➡️ सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड लखनऊ
➡️ सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड भोपाल
➡️ हमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड कोलकाता
➡️ स्टार्स मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड हैदराबाद
अभी केवल 10,000 रुपए तक का ही रिफंड मिलेगा
अमित शाह ने कहा कि पहले फेज में जमाकर्ताओं को 10,000 रुपए तक का ही रिफंड मिलेगा। यानी अगर जमा राशि 20,000 भी है तब भी केवल 10,000 रुपए ही अकाउंट में ट्रांसफर होंगे। लगभग 1.07 करोड़ निवेशक ऐसे हैं जिन्हें पूरा पैसा मिलेगा क्योंकि उनका निवेश 10,000 रुपए तक का ही है।
पहले फेज में 5,000 करोड़ रुपए का रिफंड
शाह ने कहा कि पहले फेज में कुल 4 करोड़ निवेशक ऐसे हैं जिन्हें 5,000 करोड़ रुपए का रिफंड दिया जाएगा। इसके बाद, हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और उनसे ज्यादा धनराशि जारी करने का अनुरोध करेंगे ताकि 10,000 से अधिक राशि वाले दूसरे डिपॉजिटर्स का कुल रिफंड दिया जा सके। आगे पढ़ें…
सहारा रिफंड पोर्टल से जुड़े जरूरी सवालों के जवाब :-
1- जमाकर्ता के पास क्या-क्या डिटेल्स होना चाहिए?
➡️ सदस्यता संख्या
➡️ जमा खाता संख्या
➡️ आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर
➡️ जमा प्रमाणपत्र/पासबुक
➡️ ई.पैन कार्ड (यदि दावा राशि 50,000/- और अधिक है)
2- यदि मेरे पास पैन कार्ड नहीं है तो क्या होगा?
यदि दावा राशि 50,000/- और इससे ज्यादा है तो जमाकर्ता के पास पैन कार्ड होना चाहिए। अगर नहीं है तो इसे बनवाना होगा।
3- क्या आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट अनिवार्य है?
डिपॉजिटर्स के पास आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर और आधार से जुड़ा बैंक अकाउंट होना जरूरी है। इसके बिना रजिस्ट्रेशन नहीं होगा।
4- बैंक अकाउंट से आधार सीडिंग की जांच कैसे करें?
बैंक अकाउंट के साथ आधार लिंक है या नहीं इसकी स्थिति की जांच करने के लिए UIDAI वेबसाइट पर जाएं।
5- क्या जमाकर्ता को एक ही दावा प्रपत्र में सभी डिपॉजिट की डिटेल्स देना आवश्यक है?
जमाकर्ता को सभी जमाओं की डिटेल्स एक ही दावा फॉर्म (प्रपत्र) में जोड़कर देना होगा। जमा प्रमाणपत्र या पासबुक की कॉपी भी अपलोड करनी होगी।
6- क्या जमाकर्ता दावा फॉर्म जमा करने के बाद और दावे जोड़ सकता है?
जी नहीं, दावा फॉर्म जमा करने के बाद जमाकर्ता कोई दावा नहीं जोड़ सकते। इसलिए, एक बार में ही ठीक से फॉर्म भरें।
7- जमाकर्ता को कैसे पता चलेगा कि उसका फॉर्म सफलतापूर्वक पेश हो गया है?
दावा सफलतापूर्वक प्रस्तुत होने पर, पोर्टल पर एक रसीद संख्या दिखाई देगी और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर SMS भी आएगा।
8- जमाकर्ता को रिफंड की राशि कितने दिनों में मिलेगी?
अप्रूवल के बाद जिस तारीख को आपने दावा किया है उससे 45 दिनों के अंदर दावा राशि आधार से जुड़े अकाउंट में आ जाएगी।
9- क्या जमाकर्ता दावा आवेदन आंशिक रूप से भरने के बावजूद बाहर निकल सकता है?
जी हां, जमाकर्ता पोर्टल से बाहर निकल सकता है। बाद में फिर से लॉगइन कर प्रोसेस जहां छोड़ी थी वहां से कंटीन्यू कर सकता है।
10- क्या जमाकर्ता किसी भी फाइल टाइप में डॉक्यूमेंट अपलोड कर सकता है?
डॉक्यूमेंट्स को पीडीएफ/जेपीईजी/पीएनजी/जेपीईजी2 में ही अपलोड कर सकते हैं।
5,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर होंगे
सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के वास्तविक सदस्यों/जमाकर्ताओं की शिकायतों को दूर करने के लिए मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था। मार्च में, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं के बकाया के भुगतान के लिए ‘सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट’ से 5,000 करोड़ रुपए सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (CRCS) में ट्रांसफर किए जाएं।
जस्टिस सुभाष रेड्डी की निगरानी में पूरी की जाएगी प्रोसेस
डिपॉजिटर्स को पैसा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज आर सुभाष रेड्डी की निगरानी लौटाया जाना है। इस मामले में एडवोकेट गौरव अग्रवाल जस्टिस रेड्डी को असिस्ट करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2012 में सहारा ग्रुप की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL) को इन्वेस्टर्स का पैसा लौटाने के निर्देश के बाद सहारा-सेबी एस्क्रो अकाउंट खोले गए थे। जिसमें सहारा ग्रुप की ओर से पैसे जमा करवाए गए थे। साभार – bhaskar.com
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