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अल्मोड़ाः हत्या का प्रयास करने वाले अभियुक्त को 10 साल की कारावास

अपर सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा का फैसला, 50 हजार रुपये अर्थदंड भी

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाः हत्या के प्रयास के एक मामले में अपर सत्र न्यायाधीश अरविन्द नाथ त्रिपाठी की अदालत ने अभियुक्त दुर्गा राम पुत्र गुसाई राम, निवासी ग्राम रणखीला गोविन्दपुर, तहसील व जिला अल्मोड़ा को धारा-326ए ता.हि. के तहत 10 वर्ष के कारावास सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है।

अपर सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा ने यह भी आदेश पारित किया है कि अभियुक्त द्वारा अधिरोपित जुर्माने की समस्त धनराशि जमा करने पर उनमें से 40 हजार रुपये पीड़ित को बतौर प्रतिकर दिलाया जाना न्यायाचित होगा। अभियोजन कहानी के अनुसार वादी मुकदमा भुवन राम पुत्र शेर राम निवासी रणखीला, पटवारी क्षेत्र गोविन्दपुर, तहसील व जिला अल्मोड़ा ने राजस्व उप निरीक्षक क्षेत्र गोविन्दपुर को 25 जनवरी 2020 को एक तहरीर दी।

जिसमें कहा गया कि वह सिद्धेश्वर मंदिर में अपने घोड़े से ढुलान कर रहे थे, तो दिन में उसका बेटा/पीड़ित प्रमोद कुमार अपने पिता को खाना देने के लिए सिद्धेश्वर मंदिर में गया था। तहरीर के मुताबिक शाम भुवन राम काम से छुट्टी करके अपना सामान लेने के लिए गोविन्दपुर चले गया और अपने उसके द्वारा अप पुत्र प्रमोद कुमार से घोड़े-खच्चरों को घर को ले जाओ।

जब प्रमोद घोड़ों व खच्चरों को लेकर अभियुक्त दुर्गा राम के घर के करीब से गुजर रहा था, तो अभियुक्त दुर्गा राम ने प्रमोद कुमार को गालियां दी और रास्ते में ही आकर तरल पदार्थ से भरी कांच की शीशी प्रमोद के उपर फेंकीं, जिससे तरल पदार्थ उसकी गर्दन, पीठ व जांघ पर गिरा और उसे जलन सी महसूस होने लगी, तो वह चिल्लाया और रोने लगा।

बाद में उसने इसकी सूचना अपने पिता भुवन राम को दी। प्रमोद को ग्रामीणों की मदद से रानीखेत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज चला, लेकिन प्रमोद के ज्यादा जलने के कारण डाक्टरों ने उसे सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी रेफर कर दिया। जहां पर उसका इलाज चला। राजस्व उप निरीक्षक/विवेचना अधिकारी ने विवेचना पूर्ण कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। मामले का विचारण सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा के न्यायालय में चला। मामले में अभियोजन की ओर से 11 गवाह न्यायालय में परीक्षित कराये गए।

अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी शेखर चन्द्र नैल्वाल ने मामले में सबल पैरवी की तथा दस्तावेजी साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत किये। अपर सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा द्वारा पत्रावली पर मौजूद मौखिक व दस्तावेजी साक्ष्यों का परिशीलन कर अभियुक्त दुर्गा राम को उक्त सजा सुनाई है।

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