सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
किसानों की आय बढ़ेगी। उन्हें आत्म निर्भर बनाना है। जिसके लिए फूल, फलोत्पादन और बागवानी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। छाती, मनकोट में नौ नाली भूमि पर 10.5 लाख रुपये व्यय किए जाएंगे। यहां भांग की खेती पायलट प्रोजेक्ट के तहत होगी।
गुरुवार को जिलाधिकारी और विधायक कपकोट सुरेश गढ़िया ने हैंप और बागवानी का स्थलीय निरीक्षण किया। डीएम रीना जोशी ने बताया कि बंजर भूमि में हैंप प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। जिसे कलस्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है। हैंप की टेस्टिंग के लिए सेलाकुई लैब में सैंपल भेजा गया है। भांग से रोटी, कपड़ा और मकान की अवधाराण पूरी होगी। दवा, प्रोटीन, कुपोषण में इसका उपयोग किया जाएगा। भांग उत्पादकों को बाजार भी मुहैया कराया जाएगा। विपणन के लिए मुंबई की फर्म से अनुबंध किया गया है। फर्म के डा. वीके मिश्रा की देखरेख में ही औद्योगिक हैंप की खेती की जा रही है।