हल्द्वानी: बेहतरीन कुमाऊंनी लेखन के लिए विविध सम्मानों से नवाजे गए लेखक

✍️ कुमाऊंनी भाषा को पाठ्यक्रम व 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग ✍️ डाक विभाग की कार्यप्रणाली से असंतोष, आंदोलन की चेतावनी दी सीएनई…

बेहतरीन कुमाऊंनी लेखन के लिए विविध सम्मानों से नवाजे गए लेखक

✍️ कुमाऊंनी भाषा को पाठ्यक्रम व 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग
✍️ डाक विभाग की कार्यप्रणाली से असंतोष, आंदोलन की चेतावनी दी

सीएनई रिपोर्टर, हल्द्वानी: कुमाऊंनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति एवं कुमाऊंनी मासिक पत्रिका ‘पहरु’ के संयुक्त तत्वावधान में दीप्ति पब्लिक स्कूल कुसुमखेड़ा हल्द्वानी में एक विचार गोष्ठी एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया। जिसमें कुमाऊंनी भाषा को पाठ्यक्रम व आठवीं अनुसूची में शामिल करने की पुरजोर मांग उठाई गई। वहीं बेहतरीन कुमाऊंनी लेखन के लिए अनेक लोगों को अलग—अलग सम्मानों से नवाजा गया। गोष्ठी के दौरान डाक विभाग के खिलाफ भी लेखकों का आक्रोश फूटा और घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। आगे पढ़िये…

गोष्ठी में सर्वप्रथम डाक द्वारा भेजी जा रही पत्र—​पत्रिकाओं का लोगों तक नहीं पहुंचने पर चर्चा हुई और उपस्थित कुमाऊंनी भाषा प्रेमियों व लेखकों में डाक विभाग की कार्यप्रणाली पर गहरा आक्रोश देखने को मिला। वक्ताओं ने कहा कि डाक विभाग के पोस्टमैन साधारण डाकों व पत्र—​​पत्रिकाओं के वितरण में घोर लापरवाही बरत रहे हैं। महानगर हल्द्वानी व उसके इर्द—गिर्द तथा उधमसिंहनगर जिले में हालातों से लगता है कि डाक विभाग की व्यवस्था चरमरा गई है। डाक द्वारा भेजी जा रही पत्र—पत्रिकाएं लोगों को नहीं मिल पा रही हैं। आरोप लगाया कि लेखकों, पाठकों तथा पठन—पाठन की संस्कृति को हतोत्साहित करने का काम डाक विभाग कर रहा है। इस स्थिति पर कड़ा आक्रोश जताते हुए चेतावनी दी कि यदि डाक​ विभाग ने अपनी कार्य प्रणाली नहीं सुधारी, तो डाक विभाग के खिलाफ धरना, प्रदर्शन व जुलूस के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। गोष्ठी में सरकार से उत्तराखंड में हर कक्षा में कुमाऊंनी भाषा को एक विषय के रुप में पढ़ाये जाने तथा भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग प्रमुखता से उठी। इसके अलावा कुमाऊंनी के विकास के लिए कुमाऊंनी भाषा से जुड़े लोगों से आपस में कुमाऊंनी में बोलचाल करने व घरों में अपने बच्चों से भी कुमाऊंनी में बातचीत करने की पुरजोर अपील की गई। आगे पढ़िये…
बेहतर लेखन पर इन्हें किया सम्मानित

इस मौके पर समिति ने ललित सिंह सिराड़ी को रामसिंह लोधियाल स्मृति कुमाऊंनी साहित्य पुरस्कार, डा. मनोहर चंद्र जोशी को भारतेंदु निर्मल जोशी स्मृति कुमाऊंनी समालोचना पुरस्कार तथा डा. प्रदीप उपाध्याय को खीम सिंह ऐठाणी स्मृति कुमाऊंनी बाल कविता पुरस्कार से नवाजा गया। इनके अलावा डा. भगवती पनेरु को बहादुर सिंह बनौला स्मृति कुमाऊंनी साहित्य सेवी सम्मान, नरेंद्र सिंह टोलिया को वैद्य कल्याण सिंह बिष्ट स्मृति कुमाऊंनी संस्कृति सेवी सम्मान,​ हिमांशु पाठक को ज्योतिषाचार्य पंडित जयदेव अवस्थी स्मृति कुमाऊंनी भाषा सेवी सम्मान प्रदान किया गया। इस मौके पर ललित सिंह सिराड़ी की कुमाऊंनी कविता संग्रह ‘हाय यौ कस जमान आ’ पुस्तक का विमोचन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जगदीश जोशी व संचालन पहरु के संपादक डा. हयात​ सिंह रावत ने किया। आगे पढ़िये…
कवि सम्मेलन कविताओं की बयार

कवि सम्मेलन में शिवराज सिंह, भूपाल सिंह बिष्ट ‘कलयुगी’, प्रकाश तिवारी, देवेंद्र कांडपाल, लक्ष्मी बड़सीला, योगेश बहुगुणा, धर्मेंद्र पांडे, रोहित जोशी, कमल सिंह, नारायण सिंह बिष्ट, अमृता पांडे, जीवन जोशी, सुंदर लाल, देवेंद्र कांडपाल, ललिता कापड़ी आदि कई कुमाऊंनी कवियों ने कविता पाठ किया जबकि लोक गायिका बीना तिवारी व पंकज पांडे ने गीत सुनाए। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता पुष्पलता जोशी व संचालन प्रदीप उपाध्याय ने किया। आगे पढ़िये…
कार्यक्रम में ये रही उपस्थिति

कार्यक्रम में उक्त के अलावा हरीश जोशी, हेम पंत, गोविंद बल्लभ बहुगुणा, डा.​ दिवा भट्ट, प्रो. प्रभा पंत, डा. बीआर पनेरु, प्रो. सुशील गुरुरानी, दयाल पांडे, नरेंद्र बंगारी, डा. गजेंद्र बटोही, सोहन माजिला, नमिता सुयाल, गिरीश चंद्र जोशी, डा. मोहन चंद्र पंत, राजेंद्र उपाध्याय, दामोदर जोशी ‘देवांशु’, राकेश मटियानी, डा. जगदीश पंत, अमरनाथ सिंह रावत, दिनेश पंत, डा. अनिल कार्की, डा. हरीश बिष्ट, जगमोहन रौतेला, मंजू पांडे, बीडी अंडोला, यतीश पंत, डा. राजेंद्र क्वीरा, देवकी नंदन भट्ट ‘मयंक’ आदि कई कुमाऊंनी भाषा प्रेमी मौजूद रहे।


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