शुभ शनिवार : गृह दोष से पायें मुक्ति, ऐसे करें महाबली हनुमान जी का पूजन

📌 जानिए, मंगलवार या शनिवार, पूजन का कौन सा दिन अधिक शुभ “नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा“।। मंगलवार और शनिवार, दोनों…

ऐसे करें महाबली हनुमान जी का पूजन

📌 जानिए, मंगलवार या शनिवार, पूजन का कौन सा दिन अधिक शुभ

नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा।। मंगलवार और शनिवार, दोनों दिनों में हनुमान जी के पूजन का विशेष महत्व होता है, लेकिन दोनों दिनों का महत्व अलग-अलग है। यहां दोनों दिनों के महत्व को समझाया गया है:

मंगलवार: मंगलवार को हनुमान जी का पूजन करने का विशेष महत्व होता है। मंगलवार को हनुमान जी को समर्पित होता है और इस दिन के पूजन से भक्तों को बहुत सारे लाभ प्राप्त होते हैं। मंगलवार को हनुमान जी की उपासना करने से भक्त को शक्ति, साहस, धैर्य, संकटों से मुक्ति, रोग निवारण और सुख-शांति प्राप्त होती है। इस दिन के पूजन के लिए भक्त विशेष रूप से तुलसी के पत्ते, लाल रंग के फूल, दिये, अगरबत्ती, चन्दन, रोली, आरती सामग्री, पुष्प, फल आदि का उपयोग कर सकते हैं।

शनिवार: शनिवार को भी हनुमान जी के पूजन का महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। शनिवार को हनुमान जी के पूजन से शनिदेव के प्रभाव को शांत करने और शनि दोष के निवारण में मदद मिलती है। इस दिन के पूजन से भक्त को धैर्य, संपत्ति, समृद्धि, न्याय, सुख, संकटों से मुक्ति और धर्म की रक्षा मिलती है। इसके लिए भक्त विशेष रूप से नीले वस्त्र, नीला फूल, शनिदेव के प्रतिमा या तस्वीर, दीप, दूध, तिल, उड़द की दाल, ऊंटनी, सिंदूर, ताम्बूल आदि का उपयोग कर सकते हैं।

इस प्रकार, मंगलवार और शनिवार दोनों दिनों में हनुमान जी के पूजन का अलग-अलग महत्व है, और आप इन दिनों को अपनी आवश्यकताओं और परंपराओं के अनुसार चुन सकते हैं।

शनिवार को हनुमान जी के पूजन की विधि और लाभ –

शनिवार को हनुमान जी के पूजन का आयोजन करने से मान्यता है कि यह शनिदेव की कृपा प्राप्ति और अशुभ ग्रहों के प्रभाव से मुक्ति प्रदान करता है। हनुमान जी को शनिदेव का अवतार माना जाता है और उन्हें उनकी कृपा प्राप्ति के लिए पूजन किया जाता है।

यहां शनिवार के हनुमान जी के पूजन की कुछ मुख्य चरणों की विधि दी गई है:

स्नान: पूजा की शुरुआत में स्नान करें। नदी, तालाब या मंदिर के स्नान कुंड में नहाएं या घर में नहाने का अभियान करें। इससे शरीर और मन को शुद्धि मिलती है।

वस्त्र: शुभ रंग के वस्त्र पहनें। हनुमान जी को लाल वस्त्र बहुत प्रिय होता है, लेकिन व्यक्तिगत आवश्यकताओं और स्थानीय परंपराओं के अनुसार रंगिन वस्त्र पहन सकते हैं।

पूजा स्थल: एक शुद्ध और साफ़ पूजा स्थल तैयार करें। हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर को तौली या रेशमी वस्त्र से ढ़कें। पूजा स्थल पर रंगों और सुगंधों की विशेषता जोड़ें।

पूजा सामग्री: हनुमान जी के पूजन के लिए विभिन्न सामग्री की आवश्यकता होती है, जैसे अगरबत्ती, दीप, पुष्प, चंदन, रोली, चावल, दूध, घी, शक्कर, फल, नैवेद्य आदि।

पूजा विधि: पूजा की विधि को अपनी परंपराओं और आचार्यों के मार्गदर्शन पर आधारित करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें और भजनों का गायन करें। मंदिर में अर्चना, दीपाराधना, पुष्पांजलि करें।

आरती: पूजा के बाद आरती करें और हनुमान जी के सामने प्रदर्शन करें। धूप, दीप और फलों की आरती करें और उनकी कृपा का आभास कराएं।

हनुमान जी के पूजन से प्राप्त प्रभाव में शनिदेव की कृपा, रक्षा और संकट से मुक्ति, आत्मिक और शारीरिक उन्नति, शुभ गतिविधियों में सफलता, भक्ति और धर्म की संरक्षा शामिल हैं। हनुमान जी को भक्ति और श्रद्धा से पूजने पर उनकी कृपा आपके जीवन में खुशहाली और शांति लाती है।

शनिवार को हनुमान जी का पूजन करने के पीछे कई कारण हैं। यहां कुछ मुख्य कारणों को दिया गया है:

शनिदेव का अवतार: हनुमान जी को शनिदेव का अवतार माना जाता है। शनिदेव ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण ग्रह माने जाते हैं और उनके प्रभाव को शांत करने के लिए हनुमान जी के पूजन की जाती है।

शनि दोष के निवारण: ज्योतिष में शनि दोष को मान्यता से एक अशुभ योग माना जाता है। यह दोष अनिश्चितता, संकट, दुर्भाग्य, धन की हानि आदि को ले जाता है। हनुमान जी के पूजन से इस दोष को दूर करने और शनि के प्रभाव को शांत करने में मदद मिलती है।

शक्ति और संकट के निवारण: हनुमान जी शक्ति, सामर्थ्य और बल के प्रतीक माने जाते हैं। उनके पूजन से मान्यता है कि उनकी कृपा से सभी संकट और मुसीबतें दूर होती हैं और भक्त को सामर्थ्य और उन्नति की प्राप्ति होती है।

शुभ गतिविधियों में सफलता: हनुमान जी के पूजन से मान्यता है कि व्यक्ति को शुभ कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। उनकी कृपा से भक्ति, ध्यान, धर्म, सेवा और समर्पण के कार्यों में प्रगति होती है।

आत्मिक उन्नति: हनुमान जी को भक्ति का देवता माना जाता है और उनके पूजन से आत्मिक उन्नति होती है। उनके ध्यान और भक्ति से चित्त शुद्ध होता है और आध्यात्मिक सफलता की प्राप्ति होती है।

ये कुछ मात्र हैं जो शनिवार को हनुमान जी के पूजन का कारण हो सकते हैं। भक्ति, श्रद्धा और विश्वास के साथ हनुमान जी के पूजन करने से अवश्य ही आपको उनकी कृपा प्राप्त होगी।

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