देहरादून| उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) पेपर लीक प्रकरण के चलते चौतरफा फजीहत झेल रहा है। बेरोजगार युवाओं से लेकर प्रदेश सरकार आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रही है।
छवि को बेहतर करने और आम लोग के बीच विश्वास पैदा करने के लिए आयोग ने विजिलेंस जांच के दायरे में आए आयोग के तीन कार्मिकों समीक्षा अधिकारी दीपा जोशी व बीएल बहुगुणा से सभी कार्य छीन लिए गए हैं। जबकि अनुभाग अधिकारी कैलाश चंद नैनवाल से मूल कार्य छीनकर उन्हें केवल सूचना अधिकारी का काम दिया गया है। इसके अलावा प्रवीण राणा को सहायक समीक्षा अधिकारी के पद से हटाकर अधियाचन अनुभाग में भेज दिया गया है। आयोग ने 13 अन्य कार्मिकों के अनुभाग भी बदल दिए हैं। ये कार्मिक लंबे समय से एक ही अनुभाग में डटे हुए थे। रविवार को यूकेएसएसएससी के सचिव सुरेंद्र सिंह रावत ने बयान जारी कर यह जानकारी दी है।
भरत सिंह चौहान को प्रभारी अनुभाग अधिकारी लेखा अनुभाग बनाया
सचिव सुरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि आयोग के अनुभाग अधिकारी लेखा गोपन में तैनात कैलाश चंद्र नैनवाल से कार्य छीनकर भरत सिंह चौहान को प्रभारी अनुभाग अधिकारी लेखा अनुभाग बनाया गया है। इसके अलावा पूर्व में संचालित आयोग का अति गोपन अनुभाग अब गोपन अनुभाग नाम से जाना जाएगा।
बता दें कि, पेपर लीक प्रकरण सामने आने के बाद पूर्व में अध्यक्ष रहे एस राजू ने त्यागपत्र दे दिया था, जबकि सचिव संतोष बडोनी को हटाकर सरकार ने उनके मूल विभाग में भेज दिया था। इसके बाद उन्हें संस्पेंड कर दिया गया था। अब संतोष बडोनी और सेवानिवृत्त हो चुके परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी पर इसी प्रकरण में विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
इनके बदले गए अनुभाग
समीक्षा अधिकारी प्रभारी अनुसचिव राजन नैथानी, समीक्षा अधिकारी संतोष कुमार निराला, समीक्षा अधिकारी सुभाष घिल्डियाल, समीक्षा अधिकारी प्रमीत अधिकारी, समीक्षा अधिकारी सतीश चंद्र उप्रेती, समीक्षा अधिकारी बबीता, समीक्षा अधिकारी बीएल बहुगुणा, सहायक समीक्षा अधिकारी प्रवीण राणा, सहायक समीक्षा अधिकारी सपना, सहायक समीक्षा अधिकारी अरविंद सिंह, सहायक समीक्षा अधिकारी अनिल कुमार, सहायक समीक्षा अधिकारी विनीत रावत, सहायक समीक्षा अधिकारी पंकज सुंदरियाल के अनुभाग बदले गए हैं।
यूकेएसएसएससी के पेपर लीक व नकल मामले में विजिलेंस की सूची में दो अधिकारियों व तीन कर्मचारियों के नाम शामिल हैं। तीन कर्मचारियों में से दो को कार्य मुक्त कर दिया गया है। वह आयोग में कोई भी कार्य नहीं करेंगे। जबकि एक कार्मिक को आंशिक कार्य दिया गया है।
रुद्रपुर : सड़क हादसे में मामा-भांजे की दर्दनाक मौत, तीन घायल