उत्तर प्रदेश। यूपी के गाजीपुर के कासिमाबाद कोतवाली अंतर्गत आने वाले एक गांव में उस समय हलचल मच गई जब एक महिला चार साल बाद अपने घर वापस लौटी। गायब हुई और मृत होने की सूचना पर जिनका अंतिम संस्कार घर वाले कर चुके थे, वो महिला अपनी छोटी सी बच्ची के साथ जिंदा वापस घर पहुंच गई।
परिजनों को जब महिला ने अपनी आपबीती बताई तो एक खौफनाक और मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई। बाद में पुलिस को इसकी सूचना दी गई। इस मामले में गांव के बगल के ही एक मुंह बोले मौसा और मौसी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
परिजनों और महिला के अनुसार यह मामला लगभग चार साल पहले का है। महिला शादीशुदा है और उसकी एक बेटी भी है। उसी के इलाज के दौरान महिला को उसके कथित मौसी-मौसा बेहोश करके ट्रेन से बच्ची समेत आगरा जबरदस्ती ले गए थे और देह बाजार में बेच दिया था। वहां भी उसे दो बार खरीदा-बेचा गया। गनीमत ये रही कि वो किसी अच्छे आदमी की मदद से आज अपने गांव बच्ची सहित वापस आ गई है।
महिला के चचेरे भाई ने बताया, ‘हम लोगों ने बहुत खोजबीन की। लेकिन ये नहीं मिली तो घरवालों ने इन दोनों को मृत समझ कर इनका पुतला बनाकर अंतिम संस्कार कर दिया था। इसी गम में पिता बीमारी से चल बसे, इनकी मां भी नहीं हैं। घर पर उसके चचेरे भाई, बहन और उनका परिवार है।
महिला की आपबीती सुनने के बाद पुलिस ने आरोपी मौसी-मौसा को गिरफ्त में ले लिया है जबकि वे अपना बचाव कर रहे हैं। गाजीपुर के एसपी ने घटना की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि चार साल बाद ये महिला घर लौटी है। इसके साथ 5 साल की एक बच्ची भी है। कानूनी एक्शन लेते हुए आरोपी दंपति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
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जिसका घर वाले कर चुके थे अंतिम संस्कार, वो 4 साल बाद बच्ची के साथ लौटी वापस