उत्तराखंड में मिला व्हाइट लिप्ड पिट वाइपर, IUCN की रेड लिस्ट में हैं शामिल

देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पहली बार व्हाइट लिप्ड पिट वाइपर सांप (white lipped pit viper snake) को रेस्क्यू किया गया है। राजधानी देहरादून…

उत्तराखंड में मिला व्हाइट लिप्ड पिट वाइपर, IUCN की रेड लिस्ट में हैं शामिल

देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पहली बार व्हाइट लिप्ड पिट वाइपर सांप (white lipped pit viper snake) को रेस्क्यू किया गया है। राजधानी देहरादून के सहस्रधारा रोड निवासी ऋषभ काला बीते गुरुवार की सुबह घर के आंगन में लगे पेड़ों छटाई कर रहे थे। इसी बीच उन्होंने हरे रंग के दुर्लभ प्रजाति के सांप को देखा। इसकी जानकारी उन्होंने प्रभागीय वनाधिकारी नीतीशमणि त्रिपाठी को दी तो प्रभागीय वनाधिकारी के निर्देश पर विभागीय रेस्क्यू टीम तत्काल मौके पर पहुंची और सांप का रेस्क्यू किया। फिलहाल पकड़े गए सांप को सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया है।

रेस्क्यूअर जितेंद्र बिष्ट ने बताया कि IUCN की रेड लिस्ट में शामिल इन सांपों को कई देशों में लोग भोजन और दवाइयों के रूप में प्रयोग करते हैं। तस्करी के चलते पिट वाइपर के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। आगे पढ़े…

White Lipped Pit Viper Snake (Photo Credits – Amar Ujala)

व्हाइट लिप्ड पिट वाइपर सांप (white lipped pit viper snake)

व्हाइट लिप्ड पिट वाइपर सांप (white lipped pit viper snake) प्रकृति संरक्षण के अंतर्राष्ट्रीय संघ यानी आईयूसीएन की रेड लिस्ट में शामिल है। रेड लिस्ट में शामिल होने का मतलब यह है कि सांप की यह प्रजाति अस्तित्व के खतरे से जूझ रही है। पिट वाइपर सांप हरे रंग का होता है। शरीर का हरा रंग होने से सांप हरी घास और पत्तियों के बीच छुप जाता है, ऐसे में शिकार को आभास ही नहीं होता कि सांप का डेरा है। शिकार के नजदीक आने के साथ ही तेजी से हमला करता है और फिर शिकार को कब्जे में ले लेता है। सरीसृप विज्ञानियों के मुताबिक, पक्षी, मेंढक, छिपकली इसके पसंदीदा शिकार हैं। आंखों के नीचे का भाग पीला या सफेद होता है या फिर शरीर के बाकी हिस्सों की तुलना में हल्का हरा होता है। आगे पढ़े…

white lipped pit wiper snake (photo credit – internet)

आईयूसीएन (IUCN) की लाल सूची में शामिल है सांप

हिमालयन व्हाइट लिप्ड पिट वाइपर (pit viper snake) दुर्लभ प्रजाति के सांपों में शामिल है। भारत समेत दुनिया के दक्षिण एशिया के कई देशों में इस प्रजाति के सांपों के तेजी से कम हो रही संख्या के चलते इंटरनेशनल यूनियन ऑफ कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) इस प्रजाति के सांप को लाल सूची में डाला है। भारत, म्यांमार, बांग्लादेश, कंबोडिया, लाओस समेम कई देशों में भ्रांतियों के चलते कई लोग इस प्रजाति के सांप का शिकार दवाओं के लिए भी करते हैं। आगे पढ़े…

दक्षिण एशिया के कई देशों में पाया जाता है व्हाइट लिप्ड पिट वाइपर

सरीसृप विज्ञानियों की मानें, तो व्हाइट लिप्ड पिट वाइपर सांप भारत के हिमालय राज्यों के अलावा असम और झारखंड में भी पाया जाता है। इसके अलावा सांप की प्रजाति म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड, कंबोडिया, वियतनाम, लाओस, साउथ चीन, इंडोनेशिया समेत दक्षिण एशिया के कई देशों में पाया जाता है। इसकी उम्र 9 से 10 साल होती है और यह 60 सेमी से 80 सेमी लंबा होता है। आगे पढ़े…

white lipped pit wiper snake (photo credit – internet)

उत्तराखंड में सांपों की 37 प्रजातियां रिकॉर्ड

गौरतलब है कि उत्तराखंड में अभी तक सांपों की 37 प्रजातियां रिकॉर्ड की गई हैं, लेकिन पिट वाइपर पहली बार मिला है। यह जहरीला सांप है, जिसके काटने के बाद काटे गए स्थान पर सूजन शुरू हो जाती है। व्यक्ति को यदि समय पर उपचार न मिले तो खून का थक्का बनना शुरू हो जाता है और मौत हो जाती है। देहरादून और इसके आसपास के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सांप पाए जाते हैं। यहां कोबरा जैसे जहरीले सांप भी पाए जाते हैं। कई बार पायथन जैसे बड़े सांपों को भी रेस्क्यू किया जा चुका है।

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