अल्मोड़ा ब्रेकिंग : विश्वकर्मा दिवस का अवकाश घोषित, यह छुट्टी हुई कैंसिल

⏩ जानिये श्राद्धों की महत्वपूर्ण तारीखें सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा जनपद में अनवष्टका का अवकाश पूर्व में समायोजित होने के चलते इस बार नहीं होगा। यानी…

⏩ जानिये श्राद्धों की महत्वपूर्ण तारीखें

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

जनपद में अनवष्टका का अवकाश पूर्व में समायोजित होने के चलते इस बार नहीं होगा। यानी नवमी श्राद्ध के रोज सोमवार 19 सितंबर को सभी कार्यालय व शिक्षण संस्थान खुले रहेंगे। हालांकि शनिवार 17 सितंबर को चैहल्लुम व विश्वकर्मा का अवकाश घोषित किया गया है।

जिलाधिकारी वंदना सिंह द्वारा जारी आदेश पत्र के अनुसार इस बार नवमी श्राद्ध का अवकाश नहीं होगा। ज्ञात रहे कि स्थानीय अवकाशों की संख्या तीन से अधिक नहीं होने का शासनादेश है। जिस कारण पूर्व में ही 19 सितंबर को प्रस्तावित अनवष्टका अवकाश को मार्च माह में दिए गए होली त्योहार में समायोजित कर दिया गया था। जिस कारण इस बार नवमी श्राद्ध पर कोई छुट्टी नहीं है। शासन स्तर पर पूर्व से ही 17 सितंबर शनिवार को चैहल्लुम व विश्वकर्मा का अवकाश घोषित है और 18 को रविवार ही है। इस बार 17 सितंबर को कोई श्राद्ध नहीं है। वहीं, श्राद्ध पक्ष का समापन 25 सितंबर को पितृ विसर्जन अमावस्या के साथ होगा। उल्लेखनीय है कि मैनुअल ऑफ गवर्नमेंण्ट आईस (संशोधित) 1881 संस्करण पैरा-247 के अनुसार जिलाधिकारी को प्रतिबन्धों के साथ स्थानीय अवकाश देने का अधिकार है, लेकिन इनकी संख्या 03 से अधिक नहीं हो सकती है।

अब यह शेष हैं श्राद्ध की महत्वपूर्ण तिथियां –

✒️ 16 सितंबर- सप्तमी श्राद्ध

✒️ 17 सितंबर- कोई श्राद्ध नहीं

✒️ 18 सितंबर- अष्टमी श्राद्ध

✒️ 19 सितंबर- नवमी श्राद्ध

✒️ 20 सितंबर- दशमी श्राद्ध

✒️ 21 सितंबर- एकादशी श्राद्ध

✒️ 22 सितंबर- द्वादशी श्राद्ध

✒️ 23 सितंबर- त्रयोदशी श्राद्ध

✒️ 24 सितंबर- चतुर्दशी श्राद्ध

✒️ 25 सितंबर- अमावस्या श्राद्ध/सर्वपिृत श्राद्ध

उल्लेखनीय है कि पितृ पक्ष की शुरुआत 10 सितंबर से हुई थी। इन दिनों में पितृ पक्ष में स्वर्गवासी हो चुके पितरों का पूर्ण श्रद्धा के साथ तर्पण किया जाता है। महालया अमावस्या या सर्वपितृ अमावस्या 25 सितंबर को है। यह पितृ पक्ष का अंतिम दिवस है। वैदिक पंचांग बता रहा हे कि महालया अमावस्या तिथि 25 सितंबर 2022 को सुबह 3 बजरकर 12 मिनट से प्रारम्भ होगी, जो कि 26 सितंबर को सुबह 3 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी। हिंदू मतों के अनुसार पितरों को पृथ्वी से विदा करने के उपरांत देवी मां के शक्ति स्वरूप की आराधना होगी और शारदीय नवरात्रि प्रारम्भ हो जायेंगे।

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