अल्मोड़ा : गांव की बिटिया निकिता बनेगी डॉक्टर, MBBS में GDMC के लिए चयन

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा मूल रूप से अल्मोड़ा के बाड़ेछीना कस्बा अंतर्गत सिमख्लया गांव निवासी होनहार बालिका निकिता पैनवाल का MBBS में Doon Medical College के…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

मूल रूप से अल्मोड़ा के बाड़ेछीना कस्बा अंतर्गत सिमख्लया गांव निवासी होनहार बालिका निकिता पैनवाल का MBBS में Doon Medical College के लिए हुआ है। जिसके बाद अब अल्मोड़ा के गांव की इस बेटी का डॉक्टर बनने का सपना साकार होगा।

उल्लेखनीय है कि निकिता धौलादेवी स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत गोपाल सिंह व माता चंद्रा पैनवाल की पुत्री हैं। यह तीन भाई—बहन हैं। निकिता ने कक्षा एक से इंटर तक की पढ़ाई बीयरशिवा स्कूल अल्मोड़ा से की है। वर्तमान में वह अपने माता—पिता व भाई बहनों के साथ जाखनदेवी में रहती हैं। News WhatsApp Group Join Click Now

अपने माता—पिता के साथ निकिता

निकिता के बड़े भाई रजत ने बीटेक किया है और व​र्तमान में जॉब करते हैं, जबकि छोटा भाई अमन कक्षा 12 में अध्यनरत है। निकिता का बचपन से ही सपना डॉक्टर बनकर मरीजों की सेवा करने का है। जिसके लिए उसने रात—दिन पढ़ाई करके बेहतरीन अंक प्राप्त किये और एमबीबीएस के लिए उसका चयन हुआ। अब वह दून मेडिकल कालेज से एमबीबीएस की पढ़ाई करेगी।​ निकिता ने अपनी सफलता का श्रेय माता—पिता, दादा—दादी, अपने गुरूजनों तथा यूएसए में रहने वाले अपने मामा को दिया है।

ज्ञात रहे कि Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery (MBBS) देश बहुत प्रतिष्ठित व लोकप्रिय पाठ्यक्रमों में से एक है। एमबीबीएस की डिग्री पूरी करके उम्मीदवार डॉक्टर बनते हैं। एमबीबीएस की पढ़ाई एक चुनौतीपूर्ण काम है, क्योंकि डॉक्टर बनाने वाले इस कोर्स के हर चरण पर छात्रों की परीक्षा होती है। डॉक्टर बनने का सपना देखने वाले उम्मीदवारों को काफी कठिन पढ़ाई से गुजरना पड़ता है।

इस कोर्स की अवधि साढ़े पांच साल इंटर्नशिप सहित होती है। पात्रता किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कम से कम 50% अंकों के साथ 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण रहती है। प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में अच्छा स्कोर रहना चाहिए। एमबीबीएस में एडमिशन पाने के लिए न्यूनतम आयु 17 वर्ष होनी चाहिए।

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