सीएनई रिपोर्टर
देहरादून। उत्तराखंड की मौजूदा सरकार ने अब तक का अपना सबसे बड़ा फैसला लिया है। आदेश के तहत अब बिजली महकमे से जुड़े अधिकारी व कार्मिक हड़ताल नही कर सकेंगें। शासन ने इस आशय का आदेश जारी करते हुए उत्तराखंड में अब विद्युवत विभाग की हड़ताल पर प्रतिबन्ध लगा दिया है।
उधर कार्मिकों की हड़ताल भी ऊर्जा मंत्री के आश्वासन पर स्थगित हो गई है। अपर सचिव की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि अब उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम, 1966 (उत्तराखण्ड राज्य में यथा प्रवृत्त) (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 30 सन् 1966) की धारा 3 की उपधारा (1) के अधीन शक्ति का प्रयोग किया जाता है।
राज्यपाल के इस आदेश के जारी होने के से 6 महीने के लिए यूजेवीएन लिमिटेड, उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लि० और पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लि० में सभी श्रेणी की सेवाओं में तत्कालिक प्रभाव से हड़ताल को निषिद्ध किया जाता है।
उधर शासन के इस आदेश के जारी होने के बाद अब ऊर्जा कर्मचारियों की हड़ताल स्थगित हो गई है। हालांकि संगठन का कहना है कि ऊर्जा मंत्री हरक सिह रावत से मिली आश्वासन मिलने के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल स्थगित करने का फैसला दिया है।
जानकारी के अनुसार द्विपक्षीय वार्ता में कर्मचारियों की समस्याओं पर गहनता के विचार विमर्श हुआ। जिसके बादकर्मचारी संगठनों को एक माह के भीतर समस्या का समाधान का आश्वासन दिया गया। यह भी कहा गया कि जायज़ मांगो को 15 दिन के अंदर विभागीय स्तर पर पूरा किया जायेगा।
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