उत्तराखंड : चुनाव खत्म होते ही उपभोक्ताओं को झटका, 7 फीसदी तक महंगी हुई बिजली

देहरादून | उत्तराखंड में चुनाव खत्म होते ही लोगों को बिजली का करंट लगा है। बीजेपी सरकार ने प्रदेश में बिजली के दामों में बढ़ोतरी…

Electricity

देहरादून | उत्तराखंड में चुनाव खत्म होते ही लोगों को बिजली का करंट लगा है। बीजेपी सरकार ने प्रदेश में बिजली के दामों में बढ़ोतरी कर दी है, इससे प्रदेश के 27 लाख बिजली उपभोक्ताओं को भार पड़ेगा। जबकि उत्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश भी कहा जाता है। बावजूद इसके हर साल उत्तराखंड में बिजली के दाम बढ़ाए जाते हैं।

नियामक आयोग ने 6.92 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। जबकि यूपीसीएल ने नियामक आयोग को 23 से 27 फीसदी बिजली बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा था। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष एमएल प्रसाद ने इसकी जानकारी दी है। नई दरें 1 अप्रैल से लागू मानी जाएगी। यानी इस महीने के अंत में जो बिजली का बिल आएगा उसे उपभोक्ताओं को बढ़े हुए दामों के तहत चुकाना होगा।

ये बढ़े बिजली के दाम

बड़े हुए दामों के तहत 100 यूनिट तक खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 25 पैसे ज्यादा चुकाने होंगे। जबकि 101 से 200 यूनिट बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 30 पैसे ज्यादा चुकाने होंगे। वहीं 200 से 400 यूनिट बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ता 40 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से ज्यादा चार्ज देंगे। घरेलू मीटर के लिए 25 किलोवाट तक के उपभोक्ताओं को 30 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा चुकाने होंगे जबकि 25 किलोवाट से ऊपर के उपभोक्ताओं को 35 पैसे प्रति यूनिट अधिक चुकाने होंगे।

यूपीसीएल ने दिया था 23 से 27 फ़ीसदी दाम बढ़ने का प्रस्ताव

यूपीपीसीएल ने बिजली के बढ़ाने के लिए कुल बिजली खरीदने पर खर्च होने वाले पैसे का हवाला दिया था, यूपीपीसीएल नियामक आयोग को कहा था कि हर साल 1281 करोड़ रुपए बिजली को खरीदने में खर्च होते हैं. इसलिए बिजली के दामों में 27 फ़ीसदी तक बढ़ोतरी की जानी चाहिए।

लेकिन उत्तराखंड नियामक आयोग ने प्रदेश भर में जनसुनवाई करने के बाद तकरीबन सात फीसदी बिजली के दाम बढ़ने का निर्णय लिया है। हालांकि इसमें बीपीएल के तकरीबन 4 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं, स्नो बाउंड उपभोक्ताओं और फिक्स्ड चार्ज में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *