हौंसलों से उड़ान : UPSC Exam Cleared, मजदूर के बेटे विशाल की प्रेरणादायी कहानी

सीएनई रिपोर्टर UPSC Exam Result, story of success: गरीबी और मुश्किल हालातों के बीच यूपीएससी की परीक्षा UPSC exam में सफलता हासिल करके विशाल ने…

सीएनई रिपोर्टर

UPSC Exam Result, story of success: गरीबी और मुश्किल हालातों के बीच यूपीएससी की परीक्षा UPSC exam में सफलता हासिल करके विशाल ने यह साबित कर दिखाया है कि यदि इच्छाशक्ति हो तो कोई भी लक्ष्य नामुमकिन नहीं होता।

अपने गुरू गौरीशंकर, माता रीना देवी व परिजनों के साथ विशाल

पिता की मौत के बाद टूटा पहाड़, मां रीना देवी ने नहीं हारी हिम्मत

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरपुर के मीनापुर प्रखंड में एक छोटा सा गांव है मकसूदपुर। यहां ​विशाल अपनी माता रीना देवी व भाई—बहनों के साथ रहते हैं, जबकि उनके पिता की साल 2008 में निधन हो चुका है। ​उनके पिता मजदूरी किया करते थे और उनकी मौत के बाद उन्हें बहुत बड़ा सदमा लगा था, लेकिन उनकी माता रीना देवी ने हिम्मत नहीं हारी और मेहनत—मजदूरी कर व भैंस—बकरी आदि पालन कर अपने बच्चों को पढ़ाया—लिखया। बचपन से होनहार विकास की पढ़ाई में उन्होंने कोई कभी नहीं आने दी। पालनहार मां और अपने गुरूजनों के आशीर्वाद से विकास ने अब संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 484 वीं रैंक हासिल कर अपने परिवार का गौरव बढ़ाया है।

बचपन से ही बहुत होनहार रहा विशाल

विशाल की माता रीना के अनुसार विशाल बचपन से ही काफी होनहार रहा। उसने मैट्रिक की परीक्षा में जनपद में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। वहीं, विशाल के छोटे भाई राहुल बताते हैं कि उनके बड़े भाई विशाल ने काफी संघर्ष करके इस मुकाम को पाया है। पारिवारिक आर्थिक संकट के चलते उन्होंने कई छोटी—मोटी नौकरियां भी की।

मां और गुरू गौरीशंकर बने सहारा

इधर विशाल ने बताया कि आज वह जो कुछ भी हैं अपनी माता और शिक्षक गौरीशंकर की बदौलत हैं। गांव के ही शिक्षक गौरीशंकर ने उन्हें हर कदम पर सहयोग कर दिया। वही उन्हें हमेशा UPSC के लिए प्रेरित करते थे। उन्होंने विशाल के स्कूल की फीस तक भरी उसे अपने घर रखकर पढ़ाया।

गांव में ही हुई प्रा​रम्भिक शिक्षा

विशाल की प्रारम्भिक शिक्षा गांव के ही माध्यमिक विद्यालय से हुई थी। बाद में हाई स्कूल की पढ़ाई भी उन्होंने वहीं से ही की। साल 2011 में जिला में बोर्ड परीक्षा में उन्होंने टॉप किया था। वर्ष 2013 में एक्जाम पास कर उन्होंने आई.आई.टी. कानपुर में एडमिशन लिया। 2017 में जब पास आउट हुए तो उसके बाद रिलाइंस कंपनी में नौकरी की। इस दौरान उनके शिक्षक गौरीशंकर ने उन्हें प्रेरणा दी कि वह नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी में जुट जाये। आखिरकार एक बड़े संघर्ष के बाद विशाल ने UPSC की परीक्षा पास की और अपने परिजन व शिक्षकों की उम्मीदों पर खरा उतरे।

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