सीएनई रिपोर्टर, हल्द्वानी
राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी एवं डॉ० सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय हल्द्वानी में आज सोमवार को उपनल कर्मचारियों ने उपनल कर्मचारी समिति के बैनर तले अस्पताल परिसर में धरना देते हुए मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। साथ ही सीएम को ज्ञापन भी भेजा गया।
धरनास्थ पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान एवं पूर्व से आउटसोर्स के माध्यम से कुल पद-885, जैसे स्टाफ नर्स, टैक्नीशियन, लिपिक, स्टैनो, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर, फार्मासिस्ट, मैन्टीनेन्स, वार्ड बॉय, वार्ड आया, सफाई कर्मचारी इत्यादि के पद पर कार्मिक कार्यरत हैं।
उक्त समस्त कार्मिक 1 मई, 2010 से पूर्व इस संस्थान में सेवाएं देते आये हैं। 01 जून 2010 को उत्तराखण्ड फॉरेस्ट हॉस्पिटल ट्रस्ट का राजकीयकरण किया गया था एवं राजकीयकरण शासनादेश में यह भी उल्लेखित किया गया था कि ट्रस्ट में कार्यरत समस्त कर्मचारियों को जहां है जैसा है की स्थिति में लिया जाये। मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन की बैठक यह निर्णय लिया गया था कि समस्त आउटसोर्स से कार्यरत कार्मिकों को समायोजित कर लिया जायेगा जो कि आज तक नहीं हुआ।
उक्त समस्त कार्मिकों हेतु पिछले 10 से 20 सालों के कार्यानुभव के चलते इस संस्थान को बहुमूल्य समय दिया गया एवं उक्त समस्त आउटसोर्स कर्मी इस संस्थान के लिये अति महत्वपूर्ण हैं। जिनके अभाव में राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं सुशीला तिवारी चिकित्सकीय व शैक्षिणक कार्यों का सुचारू रूप से संचालन होना सम्भव नहीं है। उन्होंने कहा कि शासनादेश के तहत आउटसोर्स के सभी कर्मचारियों को जिनके द्वारा 07 वर्ष से अधिक का समय पूर्ण कर लिया गया संविधा के पात्र होने चाहिए थे, परन्तु कार्मिकों को इसका भी लाभ नहीं मिल पाया।
वक्तओं ने कहा कि उनकी प्रमुख मांग है कि समस्त आउटसोर्स कर्मियों को जहां है जैसा है की स्थिति एवं कारोना महामारी में तन मन से कार्यरत समस्त आउटसोर्स कार्मिकों को राजकीयकरण से पूर्व की तिथि को जोड़ते हुए (समान कार्य-समान वेतन को मध्येनजर रखते हुए) वन-टाइम सटेलमेन्ट के तहत विनियमितिकरण किया जाये।