UP News | आगरा के ब्रह्माकुमारी आश्रम में शुक्रवार देर रात दो सगी बहनों ने सुसाइड कर लिया। एक ही कमरे में अलग-अलग फंदे पर दोनों के शव लटके मिले हैं। शवों में 4-5 फीट की दूरी है। आत्महत्या से पहले दोनों बहनों ने सुसाइड नोट भी लिखा।
एक ने 3, जबकि दूसरी ने 1 पेज का नोट लिखा। इसे ब्रह्माकुमारी के ग्रुप और परिजनों को वॉट्सऐप पर भेजा। हालांकि, जब तक परिजन और संस्था के लोग मौके पर पहुंचते तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी।
आत्महत्या करने वाली दोनों बहनों के नाम एकता और शिखा हैं। 15 साल पहले दोनों ने ब्रह्माकुमारी आश्रम से दीक्षा ली थी। सुसाइड नोट में उन्होंने आश्रम से जुड़ी एक महिला समेत 4 कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया है। इसमें इन चारों पर अनैतिक गतिविधि करने और रुपए हड़पने का आरोप लगाया है।
सुसाइड नोट में यह भी आरोप लगाया गया है कि आश्रम में कई बहनों ने पहले भी सुसाइड की है, लेकिन ऐसे मामलों को छिपा लिया जाता है। जिस आश्रम में घटना हुई वह आगरा के थाना जगनेर में स्थित है। दोनों बहनों का घर आश्रम से करीब 13 किमी. दूरी पर है। जिस वक्त वारदात हुई, उस वक्त आश्रम में दोनों बहनों के अलावा एक महिला और थी। वह दूसरे कमरे में थी।
2008 में ली थी ब्रह्माकुमारी की दीक्षा
मौके पर पहुंचे ACP खेरागढ़ महेश कुमार ने बताया कि रात 12 बजे पुलिस को सूचना मिली कि ब्रह्माकुमारी में दो बहनों ने सुसाइड कर लिया। मौके पर फोरेंसिक जांच की गई। कमरे से सुसाइड नोट और फोन मिला है। उसे कब्जे में लिया है। उसमें कई जानकारी हासिल हुई है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। कमरे से जो सुसाइड नोट मिला है उसमें 4 लोगों को जिम्मेदार ठहराया है।
ये नीरज अग्रवाल, गुड्डन, पूनम और ताराचंद हैं। गुड्डन दोनों का मौसा था, जबकि नीरज रिश्तेदार । पूनम ब्रह्माकुमारी आश्रम ग्वालियर से जुड़ी हुई है। आरोप है कि नीरज और पूनम ने आश्रम बनवाने के लिए इनसे 25 लाख रुपए ले लिए थे। पुलिस ने गुड्डन और ताराचंद को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी हैं।
8:30 बजे माता-पिता से फोन पर की बात
दोनों बहनों की सुसाइड की सूचना पर मौके पर इनका भाई सोनू पहुंचा। सोनू ने बताया, ‘मेरी बड़ी बहन एकता और छोटी बहन शिखा ने 2008 में ब्रह्माकुमारी आश्रम से दीक्षा ली थी। तब से दोनों परिवार से अलग रह रही थीं। 4 साल पहले उन्होंने जगनेर बसई रोड पर आश्रम बनवाना शुरू किया था। एक साल पहले आश्रम बनकर तैयार हो गया। इसके बाद से दोनों वहीं रह रही थीं।’
‘शुकवार को आश्रम में 7 बजे तक आध्यात्मिक क्लासेज चलीं। इसमें आसपास की महिलाएं आई थीं। इसके बाद एकता और शिखा ने रात करीब साढ़े आठ बजे घर फोन लगाया। मम्मी-पापा से करीब 30-35 मिनट तक बातचीत की। तब तक सब कुछ सामान्य था। बातचीत में वे नॉर्मल लग रहीं थीं। रात 11:05 बजे बहनों का मेरे वॉट्सऐप पर सुसाइड नोट आया। उस वक्त मैं सुसाइड नोट देख नहीं पाया। इसके कुछ ही देर बाद ब्रह्माकुमारी की अन्य महिलाओं के फोन आए। उन्होंने कहा कि तुम्हारी बहन ने वॉट्सऐप पर कुछ डाला है। मैं तुरंत आश्रम पहुंचा तो वहां कुछ और लोग पहुंच चुके थे। दोनों के शव लटके हुए थे।’
सुसाइड नोट में लिखा- आसाराम बापू की तरह सजा दी जाए
भाई सोनू ने बताया कि मेरी बहनों ने सुसाइड नोट में CM को संबोधित करते हुए लिखा कि जिम्मेदारों को आसाराम बापू की तरह आजीवन कारावास की सजा दी जाए। दोनों बहनें एक साल से परेशान थीं। मौत के लिए नीरज सिंघल, धौलपुर के ताराचंद, नीरज के पिता और ग्वालियर आश्रम में रहने वाली एक महिला को जिम्मेदार बताया गया है।
दोनों बहनों ने सुसाइड नोट में क्या कुछ लिखा….
शिखा ने लिखा- कई बहनें सुसाइड कर लेती हैं, ये लोग छिपा लेते हैं
मैं रिक्वेस्ट करती हूं कि हम दोनों बहनों के साथ गद्दारी की गई है। पापी नीरज सिंघल माउंट आबू में मॉर्डन कंपनी में नौकरी करता है। इसने हमें भरोसा दिलाया कि जगनेर में सेंटर बनने के बाद मैं आपके साथ रहूंगा। मगर, एक साल हम दोनों बहनें इसके सामने रोते रहे पर इसने एक न सुनी। इसका साथ ग्वालियर मोती झील सेंटर वाली पूनम, इसका बाप तारचंद और इसकी बहन का ससुर गुड्डन जो जयपुर में रहता है, वो भी साथ थे। नीरज हमारे साथ 15 साल से रह रहा था।
इन चारों ने हमारे साथ गद्दारी की है। इस सेंटर को बनवाने में यज्ञ का कोई पैसा नहीं है। सारा पैसा हमारा लगा है। नीरज गलत अफवाह फैलता था कि सेंटर उसने बनवाया है। हमने इस पर भरोसा किया था, हमें धोखा मिला। इसके पास हमारे 25 लाख रुपए हैं। सेंटर के आश्रम के उद्घाटन के लिए इसके पास जमा करवा दिए थे। ये गरीब माताओं का पैसा था। सात लाख रुपए मेरे पापा ने प्लाट दिलवाया था उसे बेचकर दिए थे। 18 लाख रुपए गरीब माताओं का पैसा था। अब इसने पैसा देने से मना कर दिया। ये लोगों से झूठ बोलता है कि सेंटर इसने बनवाया है। सेंटर में इसका तन से सहयोग है। इसने हमारे रुपए से फ्लैट खरीद लिया है।
मेरे प्यारे भाई सोनवीर और एन सिंह से प्रार्थना है कि इस केस को आप दोनों बहनों की तरफ से लड़ना। आप हमारे सगे भाई से ज्यादा हो। चाहे जितना पैसा खर्च हो जाए, आप उसे बहनों की राखी का समझ लेना। इन चारों हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। आसाराम बापू की तरह इन्हें भी हमेशा जेल में रखा जाए। आश्रम में कई बहनें सुसाइड कर लेती हैं, लेकिन ये लोग सब छुपा देते हैं। हमारे साथ कोई नहीं है। हम अकेले पड़ गए हैं। इसलिए ये कदम उठाना पड़ रहा है। सबूत आश्रम में रखे हैं। प्लीज हमें गलत न समझा जाए।
एकता ने लिखा- बहनों से झूठ बोलकर खिलवाड़ करता है
मैं आज सभी माता और भाइयों से जो भी मुझसे परिचित हैं, उसने माफी मांगती हूं। मैंने जो भी कदम उठाया है, वो मजबूरी में किया है। मेरी मौत के जिम्मेदार नीरज, ताराचंद, पूनम ग्वालियर और गुड्डन हैं। गुड्डन मेरा मौसा लगता है। दुनिया वालों मैं बहुत मजबूर हूं। मुझे और मेरी दीदी को बदनाम मत करना।
मैं एक साल से बहुत टेंशन में थी। अब हम लोगों से जिया नहीं जा रहा। नीरज ने जगनेर सेंटर पर रहने के लिए बोला था, तब जाकर हमने ये सेंटर बनवाया। मेरी यज्ञ वाले जगदीश भाई से रिक्वेस्ट है कि आप इसको पनाह मत देना। ये हम जैसी बहनों के साथ खिलवाड़ करता रहेगा।
भाई जी, प्लीज इसको यज्ञ के अंदर मत आने देना। बहनों से वायदे करता है और फिर झूठ बोलकर खिलवाड़ करता है। इस सेंटर को गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए दिया जाए। हमारे सुसाइड नोट को यज्ञ की मुन्नी दीदी और मृत्युंजय भाई के सामने रखा जाए। ये लेटर में जीवन के अंतिम पलों में लिख रही हूं।