“हमारे भुगतान में असमर्थ, तो बंद कर दीजिए नि:शुल्क राशन वितरण योजना”

अल्मोड़ा। सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता सरकार की अदूरदर्शी नीतियों का खामियाजा भुगतने को मजबूर हैं। एक ओर उनके लंबित बिलों का भुगतान लंबे समय से…

पर्वतीय सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता कल्याण समिति के बैनर तले राजकीय खाद्यान गोदाम में धरना-प्रदर्शन

अल्मोड़ा। सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता सरकार की अदूरदर्शी नीतियों का खामियाजा भुगतने को मजबूर हैं। एक ओर उनके लंबित बिलों का भुगतान लंबे समय से नहीं हुआ है, वहीं दूसरी ओर फ्री राशन बंटाने का निर्देश जारी कर दिया गया है। यही नहीं, होम डिलीवरी योजना के नाम पर राशन दुकान तक पहुंचाने की बजाए सड़क पर छोड़ा जा रहा है। आरोप है कि वह भी प्रति कुंतर 7 से 8 किलो कम निकल रहा है।

पर्वतीय सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता कल्याण समिति के बैनर तले प्रत्येक राजकीय खाद्यान गोदाम में धरना-प्रदर्शन किया गया तथा सरकार के विरोध में नारे लगाये गये। इस मौके पर विक्रेताओं ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि एक ओर लंबित बिलों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। वहीं, अन्य योजनाओं का भी नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण का दबाव बनाया जा रहा है।

वक्ताओं ने कहा कि बिलों का भुगतान नहीं होने से विक्रेताओं का अपने परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल हो गया है। कई लोग भुखमरी के कगार पर आ गये हैं। विक्रेता अपनी दुकान का किराया तक नहीं दे पा रहे हैं। सरकार से मांग की गयी कि यदि वह विक्रेताओं के बिलों का भुगतान करने में असमर्थ है तो वह नि:शुल्क राशन वितरण योजना को बंद कर दें।
शासन से यह भी मांग की गई कि वह विक्रताओं का शीघ्र मानदेय स्वीकृत करें। साथ ही आंगनवाड़ी के अंतर्गत बांटे जाने वाले खाद्यान का भुगतान अग्रिम रुप से करें।

ठेकेदार पर लगाया यह आरोप

इस बात पर रोष व्यक्त किया गया कि होम डिलेवरी योजना के अंतर्गत ठेकेदार द्वारा जो खाद्यान्न पहुंचाया जा रहा है प्रति कुंतल 05 से 08 किलो कम है। जिससे विक्रेताओं को अत्यधिक हानि का सामना करना पड़ रहा है। ठेकेदार द्वारा खाद्यान्न दुकान तक न पहुंचा कर रोड में डाल दिया जा रहा है, जो गंभीर अनिमियता है। रोड से दुकान तक खाद्यान्न ले जाने का विक्रेताओं को अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा है। जिसका भुगतान विक्रेताओं को नहीं किया जा रहा है। जिससे उनको आर्थिक हानि हो रही है।

आज के धरना-प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष संजय साह, प्रदेश अध्यक्ष मनोज वर्मा, महासचिव केसर सिंह अभय साह, नारायण सिंह बिष्ट, दिनेश गोयल, विशन सिंह, आनन्द सिंह, राजेन्द्र सिंह लटवाल, नवीन चन्द्र सुयाल, भूपेन्द्र मेहता, पंकज कपिल, हरीश सिंह, लीला साह, संदीप नंदा, देवेन्द्र सिंह चौहान, दीपक साह, दिनेश जोशी, सुरेश सांगा, पान सिंह कड़ाकोटी, हेमा पाण्डेय, उमेश बिष्ट आदि शामिल रहे।

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