सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
यहां हत्या के एक मामले में गत शनिवार को सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान की अदालत ने नेपाली मूल के दो हत्यारोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
सात मई 2022 को हत्यारोपी लक्ष्मण कार्की पुत्र प्रकाश कार्की निवासी डंडेश्वर दैलेख—नेपाल तथा झलक कार्की पुत्र जसे कार्की निवासी अचल पराजुल, जिला दैलेख—नेपाल, हाल निवासी दुगालखोला अल्मोड़ा ने अपने अधिवक्ता के जरिये न्यायालय में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा ने आरोपियों की जमानत का घोर विरोध किया और पूरा मामला अदालत के समक्ष रखा। मामले के मुताबिक रण बहादुर कार्की पुत्र दिया कार्की निवासी अवल पराजुल, जिला दैलेख, नेपाल ने 13 मार्च 2022 को कोतवाली अल्मोड़ा में तहरीर दी। जिसमें कहा गया कि मजदूरी करने वाले एवं दुगालखोला अल्मोड़ा में रह रहे उसके भतीजे झलक बूढा के साथ दुगालखोला रहने वाले लक्ष्मण कार्की पुत्र प्रकाश कार्की एवं झलक कार्की पुत्र जसे कार्की ने 11 मार्च 2022 की रात्रि गाली गलौच की और उसके साथ मारपीट कर लोहे के पाइप से उस पर जान से मारने की नियत से वार किए। जिससे झलक बूढा लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़ा और ये दोनों आरोपी मौके से भाग गए। घायल झलक को साथ रहने वाला दूसरा भतीजा जिला अस्पताल ले गया। जहां उपचार हुआ, लेकिन जबड़े व सिर में गंभीर चोटों के कारण उसे सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी रेफर कर दिया। जहां उपचार के चलते 17 मार्च 2022 को उसकी मृत्यु हो गई।
पुलिस ने 13 मार्च 2022 को ही मामला दर्ज कर उक्त दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और पानी का लोहे का पाइप भी बरामद कर लिया। दोनों आरोपियों को न्यायिक रिमांड के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। जिला शासकीय अधिवक्ता पूरन सिंह कैड़ा ने अदालत को बताया कि आरोपियों ने हत्या का जघन्य अपराध कारित किया है और यदि इन्हें जमानत पर रिहा किया जाता है, तो आरोपियों के नेपाल भागने की पूरी संभावना है। ऐसे में इनकी जमानत को कोई औचित्य नहीं है। पत्रावली में मौजूद साक्ष्यों का परिशीलन कर न्यायालय ने आरोपियों की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए जमानत खारिज कर दी।