उमा देवी ने दो सालों बाद देखा पति—बच्चों का चेहरा ! ऐसे लौटी आंखों की रोशनी

ईजा फाउंडेशन की मदद से गरीब—असहाय उमा की 02 साल बाद लौटी आंखों की रोशनी सीएनई रिपोर्टर, रानीखेत यहां ग्राम छाना में महज 31 साल…

  • ईजा फाउंडेशन की मदद से गरीब—असहाय उमा की 02 साल बाद लौटी आंखों की रोशनी

सीएनई रिपोर्टर, रानीखेत

यहां ग्राम छाना में महज 31 साल की उम्र में एक महिला को दोनों आंखों में मोतियाबिंद था और वह विगत दो सालों से ठीक से देख भी नहीं पा रही थी। गरीबी के चलते वह अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रही थी। इस गरीब व असहाय महिला की मदद को ईजा फाउंडेशन आगे आई और इनका नि:शुल्क आपरेशन करवाया गया। जिसके बाद अब उमा देवी की आंखों की रोशनी लौट आई है।

ज्ञातव्य हो कि गत दिनों ईजा फाउन्डेशन द्वारा यहां बबुरखोला, द्वारसों में नि:शुल्क नेत्र व दंत जांच शिविर लगाया गया था। जहां एक ग्राम छाना की महिला उमा देवी, जिसकी उम्र महज 31 साल थी भी पहुंची थी। वह अपने नेत्रों की जांच कराने आई थी। जांच में यह पता चला उसकी दोनो आंखो में मोतियाबिंद है और विगत दो वर्षों से कुछ भी देखने में सक्षम नहीं है।

उमा देवी की स्थिति को देखते हुए फाउंडेशन द्वारा तत्काल नेत्र चिकत्सकों से परामर्श कर उमा देवी की आंख का नि:शुल्क सफल आपरेशन बाबा हैड़ाखान अस्पताल में करवाया गया। डॉ० दीपक रावत द्वारा उनका यह आपरेशन किया गया। जिसके बाद आज उमा देवी दो वर्ष बाद दुनिया को पुनः देख पाने में सक्षम हो चुकी है। जब उमा देवी से पूछा गया कि अब उन्हें कैसा लग रहा है, तब उमा देवी और उनके पति की प्रसन्नता देखने लायक थी।

उन्होंने ईजा फाउंडेशन से जुड़े राजीव बेलवाल को धन्यवाद देते हुए कहा कि वह दो वर्ष बाद अपने पति व परिवार को देख पा रही है। उन्होंने तो अपनी आखों की रोशनी वापस आने की आस ही छोड़ दी थी और मान लिया था विधाता ने उसके बाकी के जीवन मे अंधेरा ही लिखा है, लेकिन संस्था द्वारा उनको आंखो को रोशनी देकर नया जीवन दिया है। अब वह अपने बच्चों व अपने परिवार की अच्छी देखभाल कर सकूेगी। उन्होंने फाउंडेशन और सभी डॉक्टर तथा उनकी टीम का आभार व्यक्त किया है।

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