नालागढ़। पुलिस ने राजपुरा में हुये गोली कांड में पांच आरोपियों को पकड़ लिया है। पुलिस ने बाकयदा प्रेस नोट जारी करके उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
गिरफ्तार आरोपियों में तीन रोपड़ के है जबकि एक नालागढ़ का और एक पंजाब के मुक्तसेर साहिब का रहने वाला है। उनके हवाले से पुलिस ने देसी कट्टा, एक गाड़ी व एक बाइक रिकवर की है। पुलिस के अनुसार इस मामले की छानबीन अभी जारी है और भविष्य में और गिरफ्तारियां भी हो सकती है। हम आपको बता दें कि 6 अक्टूबर को सीएनई ने इस मामले में खुलासा कर दिया था कि कबाड़ के गोदाम पर गोलीबारी करने वाले गिरोह के पांच आरोपी पुलिस हिरासत में हैं। तब बीबीएन पुलिस पीआरओ और बद्दी के डीएसपी नवदीप सिंह ने एक नोटिस जारी करके सीएनई की मान्यता रद कराने की चेतावनी दे डाली थी। अब पूरे पांच दिन बाद पुलिस ने उन्हीं पांच युवकों की गिरफ्तारी का दावा किया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 22 सितंबर को साहब सिंह पुत्र रामदयाल निवासी राजपुरा के मुस्सेवाल ने नालागढ़ पुलिस थाने में आकर बयान दिया था कि वह कबाड़ का काम करता है। इस काम में उसका बड़ा भाई बलविंद्र सिंह भी उसके साथ सहयोग करता है। उसी दिन जब अपने दफ्तर को दाम में सीट पर बैठा था, तथा दो लड़के दिनेश व गुरप्रीत भी दफ्तर में लगे बेड पर बैठे थे तो दिन के समय एक नकाबपोश व्यक्ति ने उसके दफ्तर के बाहर दो छोटे हथियारों से दो राउंड फायर किए जो इसके कुर्सी के साथ लकड़ी की दीवार पर लगे। फायर करने के उपरांत नकाबपोश व्यक्ति सड़क पर खड़ी मोटरसाइकिल पर पीछे बैठकर फरार हो गया। इस बाइक पर पहले से ही एक नकाबपोश युवक बैठा था। दोनों नकाबपोश व्यक्ति राजपुरा की तरफ निकल गए थे। नालागढ़ पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करके मामले की छानबीन शुरू की । पुलिस ने वारदात को अंजाम देने वाली गैंग के पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। जिनमें आरोपी मनिंदर पाल, संदीप कौशल, धर्मेंद्र सिंह रोपड़ जिले के आनंदपुर साहब निवासी हैं। जबकि गुरनाम सिंह उर्फ चंदा पुत्र हुकम सिंह नालागढ़ के भाटिया डाकखाना क्षेत्र के ढाना गांव का रहने वाला है। पांचवां आरोपी गुरवेज सिंह मुक्तसर की मलोट तहसील का निवासी है। आरोपियों द्वारा वारदात को अंजाम देने के लिए प्रयोग में लाए गए।
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आरोपियों से देसी कट्टा व गाड़ी तथा एक मोटरसाइकिल को रिकवर किया जा चुका है। आरोपियों का पुलिस हिरासत हासिल किया गया है। पुलिस के अनुसार इस मामले की छानबीन अभी जारी है और इस गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास लगातार जारी हैं।
अब सवाल यह है कि जब छह अक्टूबर की खबर सही थी तो पुलिस को नोटिस भेजकर सीएनई को धमकाने की क्या आवश्यकता पड़ गई थी। खैर पुलिस के नोटिस का जवाब जल्दी ही उसे भेज दिया जाएगा।