हल्द्वानी। अपनी मृत बहन को न्याय दिलाने के लिए पिछले 11 दिनों से अपने ही घर में हड़ताल पर बैठे भाई को आज सुबह पुलिस ने हड़ताल शुरू करने से पहल ही उठा लिया। उसे बेस चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। लेकिन दोपहर बाद वे स्वयं अपने घर आ गए। उनका कहना है कि चिकित्सालय में भर्ती कराने के बाद पुलिस व अन्य अधिकारी वापस लौट गए थे।
हम आपको बता दें कि कमल कफल्टिया पिछले 11 दिनों से अपनी मृत बहन को न्याय दिलाने के लिए अपने घर पर ही हड़ताल पर बैठे थे। एक दिन वे बुधपार्क में भी धरने पर बैठे। लेकिन यहां कोरोना संक्रमण के खतरे को भांपते हुए उन्होंने घर पर ही अपना सत्याग्रह जारी रखने का निर्णय लिया। इस वजह से वे आज दोबारा ने नैनवालपुर, कमलुवागांजा स्थित अपने घर पर ही आंदोलन छेड़े हुए थे। कमल के अनुसार कल पुलिस की टीम मजिस्ट्रेट के साथ उनके घर पर आई और उनसे कहा गया कि पुलिस उन्हें चिकित्सालय में भर्ती कराएगी। जब उन्होंने घर का प्रवेश द्वार नहीं खोला तो पुलिस टीम सुबह आने की बात कहते हुए लौट गई। आज सुबह लगभग साढ़े नौ बजे टीम दोबारा उनके घर पर पहुंची और जबरन उन्हें उठाकर बेस चिकित्सालय में भर्ती करा दिया गया। यहां चिकित्सकों ने उनके स्वास्थ्य की जांच की और ग्लूकोज चढ़ाया। लगभग दो से तीन घंटे तक वे बेस में रहे।
पेशे से शिक्षक कमल कफल्टिया ने बताया कि जब उन्होंने दोपहर बादा चिकित्सकों से पुलिस या प्रशासन के किसी अधिकारी से बात कराने के लिए कहा तो चिकित्सकों ने इसे अपनी ड्यूटी नहीं बताते हुए उनकी किसी से बात नहीं कराई। कमल के अनुसार उन्होंने काफी देर तक पुलिस का इंतजार किया और अंतत: वे वहां से उठकर अपने घर आ गए। कमल का कहना है कि उनका आंदोलन आगे भी जारी रहेगा।
पढ़िए क्यों हड़ताल कर रहा है एक शिक्षक
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