BAGESHWER NEWS: ईद मनाना छोड़ कोरोना मरीजों की जिंदगी बचाने में जुटे रहे बागेश्वर के तीन डाक्टर, कहते हैं—मरीज का ठीक होकर घर जाना और जाते—जाते हंसकर हमें दुआ देना ही उनके लिए ईद है

दीपक पाठक, बागेश्वरजिला चिकित्सालय में तैनात तीन चिकित्सकों ने आज ईद मनाना छोड़ मरीजों की सेवा को ही अपना धर्म समझा। दिन—रात कोरोना संक्रमितों के…

दीपक पाठक, बागेश्वर
जिला चिकित्सालय में तैनात तीन चिकित्सकों ने आज ईद मनाना छोड़ मरीजों की सेवा को ही अपना धर्म समझा। दिन—रात कोरोना संक्रमितों के इलाज में जुटे ये चिकित्सक भगवान का रूप ही बने हैं। अपने घर परिवार से दूर रहकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं और इनक इलाज से अब तक सैकड़ों मरीज सैकड़ों मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं।

बागेश्वर चिकित्सालय में कोरोना मरीजों की सेवा लगे डाक्टर सैय्यद अहमद अब्बास, सीनियर फिजिशियन हैं। मूल रूप से रुद्रपुर उधमसिंह नगर निवासी डॉ. अब्बास अपने मधुर व्यवहार से ही मरीजों का आधा दर्द दूर कर देते हैं। पिछले वर्ष जब कोरोना संक्रमण शुरू हुआ था, तब से ही वह कोरोना संक्रमितों के इलाज में जुटे हुए हैं। आज ईद के मौके पर भी वह अपने घर जाकर परिवार के साथ ईद नहीं मना सकने का मलाल तो उन्हें है, लेकिन उन्होंने कहा कि किसी की जिंदगी बचाना उनका पहला धर्म है। वह कर्म पर विश्वास करते हैं। जल्द ही कोरोना से मुक्ति मिलेगी, तो फिर खुशी—खुशी ईद मनाएंगे।

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डाक्टर नसीम भी कोरोना संक्रमणकाल से कोरोना संक्रमितों के इलाज में जी जान से जुटे हुए हैं। कोरोना मरीजों के लिए बनाए अस्पताल में पूरे दिन और रात कार्य कर रहे डॉ. नसीम कहते है कि इस महामारी काल में उनकी वजह से किसी की जान बच जाये, वह ईद के त्यौहार से कम नहीं हैं। उनका कहना है कि जिस डर और भय के माहौल में मरीजों का इलाज करने के बाद जब वह ठीक होकर घर जाते वक्त हमें हंस कर दुवाएं देते हैं। तो उस वक़्त हमें जो खुशी मिलती है, वह किसी ईद होली या दीवाली के त्यौहार से कम नहीं है।

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ट्रामा सेंटर में बनाये कोविड हॉस्पिटल में सेवा दे रहे डाक्टर तय्यब भी दिन रात कठिन मेहनत कर कोरोना संक्रमितों के बीच रहकर उनका इलाज कर रहे है। हॉस्पिटल में भर्ती हर एक मरीज के पास जाकर मुस्कुराते हुए उनका हौसला बढ़ाते हैं। साथ ही उनसे कहते है कि हिम्मत और हौसले से जंग जीतनी है। उनका कहना है कि वर्तमान में हमारा त्यौहार मरीजों का इलाज करना है। अस्पताल में भर्ती मरीजों की खुशी ही हमारी ईद है। उनका कहना है कि टीमवर्क से काम करके ही कोरोना की जंग जीती जा सकती है। इसलिए सभी एकजुट होकर सहयोग करे।इन चिकित्सको को दिल से सलाम तो बनता है कि तीनों ने ईद मनाने घर जाना भी जरूरी नहीं समझा।

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