Almora Breaking: चोरों ने रात गोपालधारा में खंगाला घर, चोरियों को लेकर जन अधिकार मंच आक्रोशित

– पुरानी चोरियों का खुलासा नहीं, जुड़ते जा रहे नये मामलेसीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ानगर में एक ओर पहले हुई चोरियों का पर्दाफाश पुलिस कर नहीं पाई…

  • – पुरानी चोरियों का खुलासा नहीं, जुड़ते जा रहे नये मामले
    सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
    नगर में एक ओर पहले हुई चोरियों का पर्दाफाश पुलिस कर नहीं पाई और दूसरी ओर चोरी की घटनाओं में सूची में नये मामले जुड़ते चले जा रहे हैं। गत रात्रि एक और चोरी का मामला शहर में प्रकाश में आया। रविवार रात अज्ञात चोरों ने यहां गोपालधारा में एक घर में सेंध लगा डाली। चोरी की घटनाएं बढ़ते चले जाने से पुलिस की रात्रि गश्त पर लोग सवाल उठाने लगे हैं। चोरी की घटनाओं को लेकर जन अधिकार मंच ने अब आंदोलन की धमकी दे डाली है।

रविवार रात यहां गोपालधारा मोहल्ले में चोरों ने ताला तोड़कर संदीप पाण्डेय का घर खंगाल लिया। घर में कोई नहीं था, ​क्योंकि बताया गया है कि संदीप पांडे बेरीनाग डिग्री कालेज में शिक्षक हैं और उनकी पत्नी डा. कल्पना पाण्डेय हल्द्वानी में चिकित्सक हैं। उनके घर में चोरों ने रात सामान तितर—बितर कर दिया और अल्मारी भी तोड़ डाली, हालांकि क्या—क्या सामान चोरी हुआ, यह भवन स्वामी के यहां पहुंचने पर ही स्पष्ट होगा। घटना की तहरीर पड़ोस में ही रहने वाले संदीप पांडे के चाचा गोपाल दत्त पांडे ने पुलिस को दी है। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जायजा लिया। बताया गया है कि मौके पर सरिया व गेंडी भी पाई गई। बताते चलें कि धारानौला व गोपालधारा क्षेत्र में एक के बाद एक यह चोरी की यह चौथी घटना है। मगर पुलिस अभी तक एक भी चोरी का पर्दाफाश नहीं कर सकी है। जिससे व्यापारियोें व लोगों में चोरों का भय फैलना स्वावभाविक है। इससे रात पुलिस के पहरे पर सवाल उठने लगे हैं।
आंदोलन की धमकी दी

जन अधिकार मंच अल्मोड़ा ने क्षेत्र में चोरी की घटनाओं के बढ़ते चले जाने और खुलासा नहीं हो पाने को लेकर पुलिस के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया है। जन अधिकार मंच के संयोजक त्रिलोचन जोशी एवं वरिष्ठ परामर्शदाता मनोज सनवाल ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से गत रात्रि हुई चोरी समेत पिछली चोरियों का शीघ्र पर्दाफाश करने, बाहर से आये मजदूरों का पुलिस सत्यापन करने एवं नगर क्षेत्र में रात्रि में पुलिस गश्त बढ़ाने की पुरजोर मांग उठाई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अब अगर चोरियों का शीघ्र पर्दाफाश नहीं हुआ, तो मजबूर होकर अल्मोड़ा जन अधिकार मंच को कमजोर कानून व्यवस्था के खिलाफ आन्दोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

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