सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के एसएसजे परिसर के भूगोल विभाग के स्नातकोत्तर कक्षाओं के छात्र-छात्राओं के दल ने पिथौरागढ़ जिले के पंचाचूली बेस कैंप का सफल टूर किया। यह शैक्षिक भ्रमण 3 मई से 5 मई, 2022 तक संपन्न हुआ। भ्रमण नें भूगोल विभाग के प्राध्यापकों व एमए भूगोल के विद्यार्थियों ने जौलजीबी होते हुए धारचूला पहुंचे। जौलजीबी में महाकाली और गोरी गंगा नदियों का संगम देखा। झूला पुल से नेपाल तक गए और तमाम अनुभव जुटाए।
भू—आकृति विज्ञान विशेषज्ञ तथा विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योति जोशी ने नदी और हिमनदों में बनी स्थलाकृतियों के बारे में समझाते हुए मानव जीवन पर इनके प्रभाव से रूबरू किया। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों ने रास्ते में दुगतु, दांतू, सेला, फिलम, बोन आदि गांवों को देखा और देखा कि ग्रामीण युवा किस तरह होम स्टे व टूर गाईड को रोज़गार के रूप में अपना रहे हैं। विद्यार्थी भोजपत्र के जंगल से होते हुए बेस कैंप पहुंचे। उन्होंने बताया कि काली की प्रमुख सहायक धौली नदी को धरम गंगा के नाम से भी जाना जाता है। इस सम्पूर्ण घाटी को दारमा क्षेत्र के नाम से पुकारा जाता है। तवाघाट में धौली व काली के संगम को देखने के उपरांत नदी में निर्मित भू-आकृतियों को समझा गया। साथ ही नेपाल व भारत की सदियों पुरानी साझा संस्कृति को समझने का प्रयास किया गया। जौलजीबी के मेले के बारे में भी छात्रों को बताया गया। इस भ्रमण में विभाग से विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योति जोशी, डॉ. दीपक, डॉ. अरविंद यादव, डॉ. पूरन जोशी समेत विभाग के विद्यार्थी शामिल रहे।