Almora News: जनसमस्याओं के निदान को सड़क से सदन तक चलेगा संघर्ष—मनोज तिवारी

—शपथ लेने बाद पहली बार पत्रकारों से मुखातिब हुए नवनिर्वाचित विधायक—पुरानी पेंशन बहाली समेत कई मुद्दे सदन में उठाए, नवरात्रि की दी शुभकामनाएंसीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाअल्मोड़ा…

—शपथ लेने बाद पहली बार पत्रकारों से मुखातिब हुए नवनिर्वाचित विधायक
—पुरानी पेंशन बहाली समेत कई मुद्दे सदन में उठाए, नवरात्रि की दी शुभकामनाएं
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
अल्मोड़ा के नव निर्वाचित विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि विधानसभा की जनसमस्याओं के निदान करवाने के लिए वह कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे और योजनाओं को गति दिलाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने समस्याओं के समाधान में अपेक्षित सहयोग नहीं दिया, तो सड़क से सदन तक संघर्ष किया जाएगा। उन्होंने सदन में उठाए गए पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर सरकार के जवाब को निराशाजनक बताया। श्री तिवारी शपथ ग्रहण के बाद पहली बार यहां पत्रकारों से मुखातिब हुए।

यहां माल रोड स्थित सुनीता सनसिटी होटल में पत्रकारों से बातचीत में कहा उम्मीद की जा रही थी कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी, लेकिन जनादेश भाजपा के पक्ष में गया है और कांग्रेस को जनता ने प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी है। उन्होंने जनादेश का स्वागत करते हुए कहा कि कांग्रेस ईमानदारी से विपक्ष की भूमिका​ निभाने में खरा उतरेगी। श्री तिवारी ने कहा कि विपक्ष में होने के नाते विधानसभा की प्रमुख जन समस्याओं को सदन में रखकर समाधान कराने का प्रयास किया जाएगा और समाधान के लिए सरकार से अपेक्षित सहयोग लिया जाएगा। यदि सरकार की भूमिका नकारात्मक रही, तो जनता के साथ मिलकर सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष किया जाएगा।

विधायक ने कहा कि सरकार गठन के बाद लेखानुदान के लिए​ विधानसभा का सत्र दो दिन चला। जिसमें पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण में अल्मोड़ा विधानसभा के लिए कोई विशेष बातें नहीं कही गई। उन्होंने इस पर आपत्ति जताई। श्री तिवारी ने बताया कि सत्र के दूसरे दिन उन्हें नियम 58 के तहत अपनी बात रखने का मौका मिला। जिसमें उन्होंने अन्य मुद्दों के अलावा कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग को भी प्रमुखता से रखा। जिसमें कहा कि डेढ़ दशक पूर्व बंद की गई पुरानी पेंशन व्यवस्था से कई विसंगतियां पैदा हो गई हैं। कांग्रेस शासित दो प्रदेश सरकारों ने पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल कर दिया है। उसी तर्ज पर उत्तराखंड में भी पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग सदन में रखी। उन्होंने कहा कि सरकार के संसदीय कार्य मंत्री ने इस पर निराशाजनक जवाब दिया। जिसमें कहा गया कि कर्मचारियों की ओर से इस संबंध में एक ज्ञापन मिला है।​ जिसे केंद्र सरकार को भेज दिया गया है। श्री तिवारी ने कहा ​कि इस मुद्दे को भविष्य में प्रमुखता से उठाया जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष के चयन में देरी पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि जल्द ही पार्टी हाईकमान इस पर फैसला ले लेगा, हालांकि उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान सभी विपक्षी विधायकों ने सामूहिक रूप से विपक्ष की भूमिका निभाई। उन्होंने जिले में तत्काल एसएसपी की नियुक्ति की मांग की और बताया कि इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री से बात की है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेज सहित लंबित चल रही सभी योजनाओं में गति लाने के प्रयास होंगे। इस मौके पर विधायक ने सभी को नव संवत्सर व नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं। प्रेसवार्ता में पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष लता तिवारी, नगर कांग्रेस अध्यक्ष पूरन रौतेला, युकां के जिलाध्यक्ष निर्मल रावत, त्रिलोचन जोशी, राजीव कर्नाटक, पवन मेहरा व​ विपुल कार्की आदि शामिल थे।
सदन में उठाए ये मुद्दे

—स्यालीधार में निर्माणाधीन उपक्षेत्रीय विज्ञान पार्क का निर्माण।
—लोधिया में फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट का निर्माण कार्य पूरा कर कक्षाओं का संचालन।
—अल्मोड़ा में स्पोर्ट्स कालेज स्वीकृत किया जाए।
—अल्मोड़ा विधानसभा में पर्यटन विकास की दृष्टि से रोपवे तथा विधानसभा में इंजीनियरिंग कालेज की स्वीकृति दी जाए।
—अल्मोड़ा नगर को हेरिटेज सिटी घोषित किया जाए।
—अल्मोड़ा नगर में सिटी बस का संचालन ।
—भैसियाछाना के रीठागाड़ में डिग्री कालेज खोला जाए और बाड़ेछीना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उच्चीकरण किया जाए।
—लमगड़ा ब्लाक के ढौरा व भैसियाछाना के धौलछीना व बाड़ेछीना, हवालबाग ब्लाक मुख्यालय में मिनी स्टेडियम बने।
—हवालबाग क्षेत्र में स्वरोजगार के लिए लघु उद्योग स्थापित किया जाए।
—विधानसभा के अंदर आईटीआई संस्थानों का मैदान में स्थापित उद्योगों के साथ समन्वय बनाया जाए।
— बाड़ेछीना पालीटेक्निक में भवन निर्माण कर नये ट्रेड खोले जाएं और आईटीआई धौलछीना में नये ट्रेड खोले जाएं।
— विधानसभा के कसारदेवी को पर्यटन के साथ ही आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाए।
—अल्मोड़ा में योग संस्थान की स्थापना के साथ ही उदयशंकर अकादमी को पूर्ण रूप से संचालित किया जाए।
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