फर्जीवाड़ा : अविवाहित थे प्रधानाध्यापक, पर मौत के बाद पत्नी को शिक्षा विभाग में मिल गई मृतक आश्रित कोटे पर नौकरी

यूपी के फर्रुखाबाद से एक बड़ी ख़बर आई है, जहां लॉकडाउन के दौरान शिक्षा विभाग में एक अविवाहित व्यक्ति की मौत के बाद उसकी कथित…

यूपी के फर्रुखाबाद से एक बड़ी ख़बर आई है, जहां लॉकडाउन के दौरान शिक्षा विभाग में एक अविवाहित व्यक्ति की मौत के बाद उसकी कथित पत्नी को मृतक आश्रित के तौर पर नियुक्ति दे दी गई। मामला जब खुला तो शिक्षा विभाग के आला अधिकारी भी हैरान रह गये। अब इस मामले में एडी बेसिक ने संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को 17 जून तक समस्त पत्रावलियों सहित कार्यालय उपस्थित होने के निर्देश जारी कर दिये हैं।

जानकारी के अनुसार भ्रष्टाचार का यह मामला बेसिक शिक्षा विभाग का है। जहां एक औरत को फर्जी तौर पर मृतक आश्रित तौर पर नियुक्ति दे दी गई। मृतक सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापक थे और उन्होंने कभी शादी ही नही की थी।

बिग ब्रेकिंग, उत्तराखंड : कई बड़ी छूट के साथ प्रदेश में 15 जून तक बढ़ाया गया कोराना कर्फ्यू, लगभग सभी दुकानों को तय दिवसों पर खोलने की अनुमति, सप्ताह में तीन दिन खुलेंगी शराब की दुकानें, पढ़िये पूरी अधिसूचना, सिर्फ CNE पर

यह है पूरा मामला…

आइये, आपको अब पूरा मामला बताते हैं। हुआ यूं कि विकास खंड राजेपुर के ग्राम महोलिया के प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत प्रधानाध्यापक काशिफ खान की मौत गत 07 जनवरी को हो जाती है। ​दिलचस्प बात यह है कि काशिफ खान ने कभी शादी नही की थी। उनकी सेवा पुस्तिका में भी सबूत के तौर पर इस बात का जिक्र है। फिर भी उनकी मौत के बाद एक ​महिला को उनकी बेवा बताकर मृतक आश्रित के दौर पर नौकरी पर रख लिया गया।

मृतक के भाई ने की शिकायत

सब कुछ ठीक—ठाक ही चल रहा था, लेकिन अचानक इस बीच मृतक काशिफ के भाई अच्छे खां की ओर से एक शिकायती पत्र बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. सर्वेंद्र विक्रम सिंह के पास पहुंचता है, जिसके बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।

Uttarakhand : खेत में ऐसा कुछ देखा कि डर से कांपने लगे लोग, पुलिस आई तो खुला यह राज़, पढ़िये पूरी ख़बर……

कई अहम सबूत किये गये पेश

दरअसल, इस शिकायती पत्र में बताया गया है कि राहिमीन खानम नाम की महिला जिसे शिक्षा विभाग में नियुक्ति दे दी गई है, वह मृत प्रधानाध्यापक की पत्नी नही है, क्योंकि प्रधानाध्यापक अविवाहित थे। आरोप लगाया गया है कि लॉकडाउन के दौरान ही फर्जी तौर पर निकाहनामा बनवाया गया। इसमें विभाग के अधिकारियों व बाबू लोगों की मिली भगत से इस फर्जी मृतक आश्रित को नौकरी पर रख दिया गया है। सबूत के तौर पर शिकायतकर्ता ने अपने मृतक भाई काशिफ खान की ई-सर्विस बुक भी पेश की।

मुंह खोला तो महिला फर्जी मुकदमा दर्ज कर जिंदगी नर्क बना देगी

शिकायतकर्ता ने बताया कि जब मामले की शिकायत करने वह बीएसए आफिस पहुंचे तो संबंधित पटल सहायक व बीएसए लालजी यादव ने उन्हें कार्यालय में बंद कर दिया। इसके बाद उनके साथ जमकर अभद्रता की। साथ ही यह धमकी दी कि अगर उसने जुबान खोली तो संबंधित महिला की ओर गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसकी जिंदगी नर्क बना दी जायेगी।

शर्मनाक : तो क्या इन रईसजादों को मिला है सरेराह लड़कियों को छेड़ने का License ! हॉस्पिटल की महिला स्टॉफ से बदतमीज़ी, घर तक किया पीछा, डेढ़ घंटे तक दहशत में रहीं लड़कियां

जांच शुरू पर विभाग की मंशा अब भी शक के दायरे में….

अलबत्ता अब बेसिक शिक्षा निदेशक के आदेश पर पूरे मामले की जांच शुरू हो चुकी है। बीएसए को एक नोटिस भी भेजा गया है। मामले की सुनवाई 17 जून को होगी, इस दौरान कथित मृतक आश्रित राहिमीन खानम भी वहां मौजूद रहेगी।

हालांकि इतने गम्भीर मामले पर शिक्षा विभाग की ओर से आंखिर कोतवाली में मुकदमा दर्ज क्यों नही किया गया है, इसका उत्तर किसी के पास नही है। जिससे मामले में अब भी भ्रष्टाचार की बू आ रही है।

अनलॉक की प्रक्रिया के करीब उत्तराखंड, 446 नए केस, 1580 मरीज हुए ठीक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *