रसोई में खाना बना रहे थे माता-पिता, देहरी पर खड़े मासूम पर झपट पड़ा तेंदुआ

📌 जबड़ों में दबोच आंगन तक घसीट ले गया ✒️ पिता के पहुंचने व शोर मचाने पर छोड़ा 👉 बालक गंभीर हालत में अस्पताल भर्ती…

उधम सिंह नगर : मां के सामने ही खेत में खेल रहे मासूम को तेंदुए ने मार डाला

📌 जबड़ों में दबोच आंगन तक घसीट ले गया

✒️ पिता के पहुंचने व शोर मचाने पर छोड़ा

👉 बालक गंभीर हालत में अस्पताल भर्ती

Leopard Attack/पिथौरागढ़। मकान की देहरी में खेल रहे एक 04 साल के मासूम पर घात लगाए बैठे तेंदुए (Leopard) ने हमला कर दिया। अपने मजबूत जबड़ों में दबा वह बालक को घसीटते हुए जंगल ले जाने लगा, लेकिन पिता के द्वारा शोर मचाते हुए पीछा करने पर उसने बालक को छोड़ दिया। मासूम को गंभीर हालत में अस्पताल भर्ती किया गया है, जहां चिकित्सक उसके उपचार में जुटे हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना गत बुधवार देर रात को गंगोलीहाट के जाखनी गांव में हुई है। यहां घर के दुमंजिले की देहरी पर खेल रहे चार साल के बच्चे को गुलदार ने झपट्टा मारकर अपना शिकार बनाने की कोशिश की।

इस बीच घर में अंदर खाना बना रहे बच्चे के पिता ने बाहर दौड़ लगा दी। पिता ने हिम्मत करके आंगन तक घसीट ले गये बालक को गुलदार के मुंह से छुड़ा लिया। बालक को गंभीर हालत में सीएचसी ले जाया गया। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।

घटनाक्रम के अनुसार गत रात्रि जाखनी गांव में भगवान सिंह मेहता व उनकी पत्नी अपने घर की दूसरे माले पर थे। वह लो रसोई थे और खाना बनाने में जुटे थे। इस बीच उनका 4 साल का बेटा यश मकान की देहरी पर खेल रहा था। तभी एक गुलदार ने अचानक बालक पर हमला कर दिया। यह घटना रात करीब 08.30 बजे की है।

गुलदार ने बच्चे को उसकी गर्दन से पकड़ लिया। फिर वह उसे घसीटते हुए घर के आंगन तक ले गया। तभी बालक के पिता भगवान सिंह मेहता बाहर आये। उन्होंने बड़े साहस के साथ गुलदार के पीछे दौड़ लगाते हुए शोर मचा दिया।

हड़बड़ाहट में गुलदार ने बच्चे को छोड़ दिया और जंगल को भाग गया। इस हादसे में बालक के गर्दन व कान के पिछले हिस्से में गहरे घाव हुए हैं। परिजन बच्चे को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाए। जहां प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. रितु, नसीमा बानो, नर्सिंग असिस्टेंट नीरज गुप्ता, जोगाराम, जितेंद्र अधिकारी ने बालक का उपचार किया।

घायल बालक की हालत गंभीर होने के कारण उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। ज्ञात रहे कि इसी गांव में गुलदार पहले भी एक बालक पर हमला कर चुका है। हालांकि वन विभाग ने पिंजरा लगाकर एक गुलदार को पकड़ा था। इसके बावजूद पुन: तेंदुए के हमले की घटना से इस बात को बल मिल रहा है कि पूर्व में पकड़ा गया तेंदुआ इंसानों पर हमले का दोषी नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि जो इंसानों पर हमला कर रहा है वह अब भी पकड़ से बाहर है।

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