घर से बिछुड़ी नन्हीं परी बालिग होने पर परिजनों को मिली, डीएनए जांच से मिले माता—पिता

—करीब—करीब 14 सालों तक रही परिवार से दूर—अथक कानूनी प्रयासों से मिली सामाजिक जिंदगीसीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाबचपन में अपने माता—पिता से बिछुड़ी एक नन्हीें परी बालिग…

—करीब—करीब 14 सालों तक रही परिवार से दूर
—अथक कानूनी प्रयासों से मिली सामाजिक जिंदगी
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
बचपन में अपने माता—पिता से बिछुड़ी एक नन्हीें परी बालिग होने पर करीब 14 साल बाद अपने माता—पिता से मिल सकी, वह भी डीएनए (DNA) जांच से मां—बाप का पता चलने के बाद। अब इस लड़की का सामाजिक जीवन शुरू होगा। इस लड़की को बाल कल्याण समिति नैनीताल ने 04 साल पहले बरामद किया था और नाबालिग होने पर उसे अल्मोड़ा के बख स्थि​त राजकीय बाल गृह किशोरी में रखा था। (आगे पढ़िये)

जिला प्रोबेशन अधिकारी राजीव नयन तिवारी के अनुसार वर्ष 2018 में बाल कल्याण समिति नैनीताल ने इस बालिका को बरामद किया था और तब से बालिका अल्मोड़ा बाल गृह किशोरी सदन में रह रही है। यह बालिका नेपाली मूल की है। हुआ यूं कि इस बीच एक महिला व पुरुष ने ने किशोरी सदन पहुंचकर इस लड़की का माता—पिता होने का दावा किया था, किन्तु बालिका ने उन्हें पहचानने से इंकार कर दिया। इस कारण उन्हें तब इस बालिका को नहीं दिया गया। (आगे पढ़िये)

जिला बाल संरक्षण इकाई में कार्यरत विधि सह परिवीक्षा अधिकारी अल्मोड़ा एडवोकेट अभिलाषा तिवारी ने बताया कि उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अल्मोड़ा को इस बालिका के माता-पिता के पहचान के लिए डीएनए टेस्ट करवाने के सम्बन्ध में एक प्रार्थना पत्र दिया। उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के सदस्य सचिव आरके खुल्बे के निर्देशन एवं जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अल्मोड़ा मलिक मजहर सुल्तान के मार्गदर्शन में सिविल जज (सीनियर डिविजन)/जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अल्मोड़ा के सचिव रविशंकर मिश्रा की पहल पर बालिका और उसके माता—पिता होने का दावा करने वाले महिला—पुरुष की डीएनए जांच के लिए सैंपल लिये गए और सैंपल जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला देहरादून भेजे गए। जांच उपरान्त साफ हुआ कि लड़की के माता—पिता होने का दावा करने वाले दोनों व्यक्ति ही बालिका के जैविक माता-पिता हैं। (आगे पढ़िये)

इसके बाद बालिका की माता स्वयं उसे लेने यहां पहुंची। जिला परिवीक्षा अधिकारी राजीव नयन के आदेश पर इस लड़की को माता के सुपुर्द किया गया। यह लड़की अब बालिग हो चुकी है। आखिरकार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण उत्तराखण्ड नैनीताल, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अल्मोड़ा, जिला परिवीक्षा कार्यालय अल्मोड़ा व पुलिस विभाग के अथक प्रयासों के फलस्वरूप बचपन में अपने माता-पिता से बिछुड़ी लड़की एक लंबे अंतराल के बाद अपने माता—पिता के साथ हो सकी। इस कार्य में नेपाल की सामाजिक संस्था ने भी मदद की थी। (आगे पढ़िये)

बालिका को उसकी माता को सौंपे जाने के वक्त जिला न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान, सिविल जज (सीनियर डिवीजन), जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अल्मोड़ा के सचिव रविशंकर मिश्रा, जिला परिवीक्षा अधिकारी राजीव नयन तिवारी, विधि सह परिवीक्षा अधिकारी अभिलाषा तिवारी व राजकीय बाल गृह किशोरी बख की अधीक्षिका मंजू उपाध्याय व बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रघु तिवारी, सदस्य मीता उपाध्याय, त्रिलोक लटवाल तथा नेपाल से आए सामाजिक कार्यकर्ता सलमान मौजूद रहे। यहां बताया जा रहा है कि बचपन में एक रिश्तेदार इस बच्ची को नेपाल से अपने सा​थ उठा लाया था, तब यह करीब 05 साल की बच्ची थी और बाद में इस नाबालिग लड़की को जिला बाल कल्याण समिति ने बरामद किया।

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