प्राइवेट वाहन में बैठा रखी थी सवारियां
पुलिस ने ठोका 20 हजार का चालान
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा। प्राइवेट आर्टिका कार में नीली—लाल बत्ती व हूटर लगा घूमना हल्द्वानी निवासी कार चालक को बहुत महंगा साबित हो गया। उसने न केवल अनाधिकृत रूप से बत्ती व हूटर लगाया था, बल्कि किच्छा से बागेश्वर बुकिंग में सवारी लेकर भी जा रहा था। पुलिस ने इस चालक का 20 हजार रुपये का चालान किया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अवैध रुप से नीली-लाल बत्ती व हूटर लगाकर टशन दिखा रहे चालक पर अल्मोड़ा पुलिस ने एक्शन लिया है। वह बत्ती व हूटर लगा प्राइवेट कार में सवारी भी ढो रहा था। द्वाराहाट पुलिस ने की उसका 20 हजार रुपये का चालान किया है। साथ ही वाहन भी सीज कर दिया है।
क्या हैं कार में बत्तियां लगाने के लियम !
कार में नीली और लाल बत्ती (Beacon) का इस्तेमाल कुछ खास शर्तों के साथ ही किया जा सकता है। मोटर व्हीकल एक्ट 1989 के नियम 108 के अनुसार, लाल बत्ती का उपयोग केवल कुछ उच्च पदस्थ अधिकारियों और आपातकालीन सेवाओं के लिए ही किया जा सकता है. नीली बत्ती का उपयोग एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, पुलिस और अन्य आपातकालीन सेवाओं के वाहनों पर किया जा सकता है.
लाल बत्ती:
यह बत्ती केवल उच्च पदस्थ अधिकारियों, जैसे कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और अन्य प्रमुख अधिकारियों के वाहनों पर लगाई जा सकती है. यह बत्ती केवल सरकारी कार्य के दौरान उपयोग की जा सकती है और निजी कार्यों के लिए उपयोग करना गैरकानूनी है. लाल बत्ती का उपयोग करने का अधिकार कुछ विशेष अधिकारियों को ही होता है, जो मोटर व्हीकल एक्ट 1989 के नियम 108 के तहत निर्धारित किया गया है.
नीली बत्ती:
यह बत्ती केवल आपातकालीन सेवाओं के वाहनों, जैसे कि एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस के वाहनों पर लगाई जा सकती है. नीली बत्ती का उपयोग आपातकालीन स्थिति में किया जाता है, जब किसी वाहन को प्राथमिकता देने की आवश्यकता होती है. नीली बत्ती का उपयोग करने का अधिकार केवल आपातकालीन सेवाओं को ही होता है, जो मोटर व्हीकल एक्ट 1989 के नियम 108 के तहत निर्धारित किया गया है.
कानूनी प्रावधान:
अगर कोई निजी व्यक्ति या सरकारी कर्मचारी लाल या नीली बत्ती का उपयोग नियम विरुद्ध करता है, तो उसके खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट 1989 के तहत कार्रवाई की जा सकती है. लाल या नीली बत्ती का उपयोग करने के लिए कोई भी व्यक्ति या सरकारी कर्मचारी अपने पद या पदनाम के आधार पर किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं कर सकता है. अगर कोई सरकारी कर्मचारी अपने प्राइवेट वाहन पर लाल या नीली बत्ती का उपयोग करता है, तो यह एक कानूनी अपराध माना जाएगा।