लालकुआं न्यूज : दुधारू पशु व मिल्क बूथ स्थापना के लिए आंचल की लाभार्थी चयन प्रक्रिया शुरू

लालकुआं। नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ अंतर्गत राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के तहत दुग्ध उत्पादकों व प्रवासी बेराजेगार उत्तराखण्डवासियों को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना मे…

लालकुआं। नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ अंतर्गत राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के तहत दुग्ध उत्पादकों व प्रवासी बेराजेगार उत्तराखण्डवासियों को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना मे डेरी क्षेत्र में दूधारू पशु क्रय हेतु 25 प्रतिशत अनुदान व नगरीय क्षेत्रों में आंचल मिल्क बूथ स्थापना हेतु 20 प्रतिशत अनुदान में ऋण बैकों के माध्यम से उपलब्ध कराये जाने हेतु लाभार्थी चयन प्रक्रिया शुरू कर दी है।
नैनीताल दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा ने बताया कि एनसीडीसी द्वारा राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अंतरगत मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत प्रवासी उत्तराखण्डवासियों व राज्य के बेरोजगार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के उददेश्य से व स्वरोजगार के प्रति प्रेरित करने हेतु समेकित सहकारी विकास परियोजना में 3 पशु के 300 यूनिट व 5 पशु के 178 यूनिट दूधारू पशु क्रय के लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को सुदढ करने हेतु में मदद मिलेगीे। वर्तमान में योजना अंतर्गत पशु क्रय व आंचल मिल्क बूथ हेतु लाभार्थी चयन की प्रक्रिया गतिमान है। अध्यक्ष दुग्ध संघ मुकेश बोरा द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि दुग्ध उत्पादको की मांग को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश के मुख्यमत्री व दुग्ध मंत्री धन सिह रावत से मांग कर बैकों के माध्यम से ऋण वितरण की पूर्व व्यवस्था लागू किये जाने की मांग पर उनके द्वारा सहमति व्यक्त करते हुए आदेश निर्गत किये जाने पर आंचल परिवार की ओर से मुख्यमंत्री व दुग्ध मंत्री का आभार व्यक्त किया गया। बताया कि योजना के संचालन से निश्चित ही राज्य में स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होगे वही दुग्ध उर्पाजन में भी वृद्धि होगी और आंचल मिल्क बूथ खुलने से उपभेाक्ताओं को उच्च गुणवत्ता का दूध एवं दुग्ध उत्पाद उचित दरो पर उपलब्ध होगे और रोजगार भी मिलेगा।
योजना के अंतर्गत पशु क्रय हेतु मुख्यतौर पर कुछ नियम रखे गए हैं। इस योजना का लाभ सहकारी समिति सदस्यों को प्रदान किया जायेगा। वह व्यक्ति जो कि वर्तमान में दुग्ध सहकारी समिति का सदस्य न हो परन्तु सदस्य बनने हेतु इच्छूक हो, उन्हें भी योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया जायेगा । योजना के अंतर्गत क्रय किये जाने वाले दुधारू पशु राज्य के बाहर से क्रय किये जायेंगे ताकि प्रदेश में पशुधन की वृद्धि हो सके ।

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