पढ़ायें या पानी की करें व्यवस्था! सालों से पेयजल किल्लत झेल रहा यह प्राथमिक विद्यालय

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
स्थापना के 17 साल बाद भी ग्रामीण क्षेत्र के इस प्राथमिक विद्यालय में आज तक पेयजल व्यवस्था सुचारू नहीं हो सकी है। आलम यह है कि यहां कार्यरत शिक्षकों पर शिक्षण कार्य के अलावा पानी की व्यवस्था करने में भी जुटे रहना पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि विकासखंड भैंसियाछाना के राजकीय प्राथमिक विद्यालय रुपीकूडा की स्थापना साल 2005 में हुई थी। स्कूल का संचालन शुरू हुआ, बच्चों ने भी एडमिशन लिए, शिक्षकों की भी नियुक्ति हुई, लेकिन पानी की व्यवस्था यहां आज तक नहीं हो पाई। इधर विद्यालय प्रबंधन समिति, राजकीय प्राथमिक विद्यालय रुपीकूडा, विकास खण्ड भैंसियाछाना की अध्यक्ष दया जोशी ने बताया कि पानी के अभाव में विद्यालय के छोटे-छोटे बच्चों को शौचालय जाने में भी कठिनाई होती है।
वहीं मध्याहन भोजन व्यवस्था में भी पानी की काफी समस्या रहती है। विद्यालय में मध्याह्न भोजन के लिए पानी की व्यवस्था हेतु विद्यालय से लगभग 300 मीटर दूर से पानी का ढुलान भोजन माता तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ती के द्वारा किया जाता है। कभी-कभी पानी का ढुलान आधा किलोमीटर दूर से भी करना पड़ता है, जिससे पानी ढुलान करने वालो के साथ हादसा होने का खतरा भी बना रहता है।
उन्होंने इस संबंध में जिलाधिकारी अल्मोड़ा को भी एक ज्ञापन दिया है। जिसमें कहा गया है कि विद्यालय में कार्यरत शिक्षक व बच्चे पानी के अभाव को झेलने को विवश हैं। अतएव विद्यालय में पानी की व्यवस्था करने के लिए उचित कार्यवाही की जाये। चूंकि यह मामला यहां अध्यनरत बच्चों के हित से भी जुड़ा हुआ है।