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अल्मोड़ाः लैगिंक अपराध के मामले में अभियुक्त को 20 साल की सश्रम कारावास

विशेष सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा की अदालत का फैसला

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाः लैगिंक अपराध के एक मामले में फैसला सुनाते हुए विशेष सत्र न्यायाधीश कौशल किशोर शुक्ला की अदालत ने मामले के अभियुक्त को अलग-अलग धाराओं के अन्तर्गत 20 वर्ष के सश्रम कारावास के साथ 20 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। साथ ही अर्थदण्ड अदा नहीं करने पर 02 माह के अतिरिक्त कारावास से दंडित किया है। यह भी आदेश पारित किया है कि अर्थदण्ड की धनराशि वसूल होने पर अधिरोपित अर्थदण्ड में से 15 हजार रुपये पीड़िता को दिया जाए।

अभियोजन कहानी के अनुसार अभियुक्त ने पीड़िता से फेसबुक मैसेंजर के जरिये उसका फोन नंबर मांगा और पीड़िता से बातचीत करना शुरू किया। जिसके चलते दो-तीन बार वह पीड़िता से मिलने उसके स्कूल गया और पीड़िता ने उसे स्कूल आने से मना किया। जून 2021 को वह अपने पिता को साथ लेकर पीड़िता के घर शादी की बात करने पहुंचा। तो पीड़िता की मां ने उससे शादी करने से मना कर दिया और अभियुक्त से कहा कि पीड़िता अभी इण्टर के बाद जॉब करेगी। इसके बाद अभियुक्त ने पीड़िता को फोन कर विश्वास दिलाया कि वह उसकी नौकरी भीमताल में लगाएगा। इससे बहकावे में आकर पीड़िता भीमताल अभियुक्त के पास चले गई, लेकिन नौकरी लगाने के बजाय अभियुक्त पीड़िता को अपने घर अल्मोड़ा ले आया और पीड़िता की जबरदस्ती उसकी मांग भरकर उसके साथ साथ बलात्कार किया। इसके बाद मां के बुलावे पर पीड़िता अपने घर चले गई। इसके बाद अभियुक्त ने फरवरी 2022 को पीड़िता को फोन कर अल्मोड़ा आने के लिए कहा लेकिन वह अल्मोड़ा नहीं आयी, तो अभियुक्त ने उसकी फोटो फेसबुक में डाल दी। जब यह फोटो पीड़िता की बहिनों ने देखी, तो पीड़िता से पूछताछ हुई, तो उसने कुछ नहीं बताया।

बाद में जब पीड़िता को दो महिने पीरियड्स नहीं हुए, तो वह मेडिकल स्टोर ज्योलीकोट गई। जहां समस्या बताने पर मेडिकल स्टोर कर्मचारी ने पीड़िता से टेस्ट कराने को कहा, तो वह रिपोर्ट पॉजिटिव आई। पीड़िता गर्भवती निकली। इसके बाद पीड़िता ने गर्भपात के लिए दवाईयां खाई। इससे अत्यधिक ब्लीडिंग हुई। मां ने तबियत का हाल पूछा तो उसने बुखार व ब्लीडिंग की बात बताई। 02 अप्रैल 2022 को उसकी माता व भाई उसे एम्बुलेन्स से हल्द्वानी महिला चिकित्सालय ले गये। जहां पर पीड़िता से चिकित्सकों ने पूछताछ की और मेडिकल टेस्ट कराया। तब अभियुक्त का कारनामा उजागर हुआ। हॉस्पिटल के डॉक्टर ने थाने को सूचना दी। रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्त को गिरफतार कर जेल भेजा गया। विवेचना अधिकारी ने विवेचना पूर्ण कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।

मामले का विचारण विशेष सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा के न्यायालय में चला। अभियोजन की ओर से 7 गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया गया तथा अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा, विशेष लोक अभियोजक भूपेन्द्र कुमार जोशी, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी शेखर चन्द्र नैल्वाल एवं अभिलाषा तिवारी विधि सह परीविक्षा अधिकारी ने मामले में सबल पैरवी की तथा दस्तावेजी साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत किये। विशेष सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा द्वारा पत्रावली पर मौजूद मौखिक व दस्तावेजी साक्ष्यों का परिशीलन कर धारा 376 (2), 376 (3) ता.हि व धारा 5 सपठित धारा-6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत अभियुक्त हिमांशु बिष्ट पुत्र विशन सिंह बिष्ट निवासी ग्राम माल, तहसील व जिला अल्मोड़ा को 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 20 हजार रुपये का अर्थदण्ड तथा अर्थदण्ड अदा न करने पर 2 माह का अतिरिक्त कारावास की सजा से दंडित किया।

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