देहरादून : एसजेवीएन को स्कोप मैरिटोरियस अवार्ड से नवाजा

देहरादून। एसजेवीएन को कारपोरेट समाजिक दायित्व एवं रेसपांसिवनेस के लिए स्कोप मैरिटोरियस अवार्ड से नवाजा गया है। एसजेवीएन को यह अवार्ड इसके कारपोरेट सामाजिक दायित्व…

देहरादून। एसजेवीएन को कारपोरेट समाजिक दायित्व एवं रेसपांसिवनेस के लिए स्कोप मैरिटोरियस अवार्ड से नवाजा गया है। एसजेवीएन को यह अवार्ड इसके कारपोरेट सामाजिक दायित्व के अंतर्गत स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, शिक्षा एवं दक्षता विकास, अवसंरचनात्मक विकास तथा सततशील विकास के क्षेत्र में इसके बेहतरीन योगदान और अभिनव पहलों के लिए दिया गया है। इन अवार्ड्स का निर्णय न्यायमूर्ति आर.सी लहोती सर्वोच्च न्यायालय के भूतपूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक प्रतिष्ठित निर्णायक मंडल ने लिया।

इस अवसर पर एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, नंद लाल शर्मा ने कहा कि एसजेवीएन अब तक वेल्डर, इलेक्ट्रिशिएन, सहायक अकाऊंटेंड, कटिंग एवं टेलरिंग, अतिथ्य सत्कार, बेड साईड अटेंडेंट इत्यादि वोकेशनल ट्रेड में 5000 से अधिक स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर चुका है। एसजेवीएन हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र एवं बिहार राज्यों में 14 मोबाईल हेल्थ वैन्स ऑपरेट कर रहा है तथा इन हेल्थ वैन से 5 लाख से ज्यादा मरीज लाभान्वित हो चुके हैं। इसके अलावा एसजेवीएन ने अपने परियोजना क्षेत्रों के दूरवर्ती इलाकों में लगभग 1000 विशेषीकृत हेल्थ कैंप भी संचालित किए है। एसजेवीएन पंचायत घरों, महिला मंडलों, सामुदायिक कक्षों तथा खेल के मैदानों जैसी सामुदायिक परिसंपतियों के निर्माण में भी अति सक्रिय है तथा अब तक एसेजवीएन 500 से ज्यादा सामुदायिक परिसंपतियों का निर्माण कर चुका है।

शर्मा ने अवगत कराया कि करोना की चुनौती का सामना करने के लिए एसजेवीएन पीएम केयर्स फंड में 25 करोड़ रूपए का अंशदान दे चुका है। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एसजेवीएन के कर्मचारी पीएम केयर्स फंड में 32,00,000 लाख रूपए (बत्तीस लाख रूपए) तथा सीएम रिलीफ फंड/एचपी कोविड-19 सोलिडैरिटी रेस्पांस फंड में 45,00,000 (पैंत्तालिस लाख रूपए) का अंशदान पहले ही कर चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा एसजेवीएन के कर्मचारियों ने करोना वारियर्स (नगर निगम शिमला के सफाई कर्मचारी) में अपने वेतनों से 59,00,000 /- (उनसठ लाख रूपए) (प्रति वरियर्स 5000 रूपए) का भी अंशदान दे चुके है।

उन्होंने यह भी बताया कि एसजेवीएन जरूरतमंद व्यक्तियों इत्यादि के लिए वैटींलेटर, अन्य चिकित्सा उपकरण, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) मॉस्क, सैनिटाईजर एवं ग्लब्स, बिस्तरे, चटाईयां, थ्री प्लाई मॉस्क, थर्मोस्कैनर, खाने की मदें इत्यादि खरीदने के लिए सरकार एवं सरकारी अस्पतालों को 3,20,00,000/- (तीन करोड़ बीस लाख रूपए) की वित्तीय मदद उपलब्ध करवा चुका है।

स्टैडिंग कॉन्फ्रेंस ऑफ पब्लिक इन्टरप्राईजेस (स्कोप) केन्द्रीय सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों का प्रतिनिधित्व करने वाली एक शीर्षस्थ प्रोफेशनल संस्था है इसमें कुछ राज्य उदयम, बैंक तथा अन्य संस्थान भी इसके सदस्य है। यह संगठनों में सर्वोत्कृष्टता को बढ़ावा दे रही है, जहां उन्हे वैशविक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए सार्वजनिक निवेश जुडा हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *