गुड न्यूज : एसजेवीएन ने हासिल की गुजरात के धोलेरा सोलर पार्क में 100 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना

देहरादून। एसजेवीएन ने धोलेरा सोलर पार्क में ई.रिवर्स नीलामी में 2.80रुपये प्रति यूनिट पर 100 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना को हासिल कर लिया है। गुजरात…

देहरादून। एसजेवीएन ने धोलेरा सोलर पार्क में ई.रिवर्स नीलामी में 2.80रुपये प्रति यूनिट पर 100 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना को हासिल कर लिया है। गुजरात ऊर्जा लिमिटेड जीयूवीएनएलद् सार्वजनिक निजी भागीदारी पीपीपी मोड के माध्यम से इस योजना का विकास कर रहा है। जीयूवीएनएल ने 700 मेगावाट क्षमता के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं, जिसके लिए 1300 मेगावाट के लिए बोलियां प्राप्त हुई थी।
एसजेवीएन ने 100 मेगावाट क्षमता के लिए बोली प्रस्तुत की और ई.रिवर्स नीलामी के दौरान बिल्ड ओन एंड ऑपरेट आधार पर 2.80 रुपये प्रति यूनिट की बोली क्षमता की 100 मेगावाट की यह परियोजना प्राप्‍त कर लिया।
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा ने बताया कि इस परियोजना के विकास की अनुमानित लागत 450 करोड़ रुपए है। इस परियोजना की कमीशनिंग पर इससे प्रति वर्ष 244 मिलियन यूनिट का उत्पादन किया जाएगा । पावर परचेज एग्रीमेंट पीपीए मोड जीयूवीएनएल और एसजेपीएनएल के बीच 25 वर्षों के लिए हस्ताक्षरित किया जाएगा। शर्मा ने आगे बताया कि धोलेरा सौर पार्क गुजरात के खंभात क्षेत्र की खाड़ी में स्थित धोलेरा स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन में है । यह सड़क, रेल, हवाई अड्डे और बंदरगाह से भलीभांति जुड़ा हुआ है। यही नहीं अहमदाबाद, भावनगर और वडोदरा शहरों के करीब स्थित है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान दरों पर सौर उत्पादन लागत थर्मल विद्युत उत्पादन के बराबर है। सौर पैनल चैनलों की तेजी से घटती कीमतों, परियोजना की बेहतर संरचना परियोजना डेवलपर्स के लिए जोखिम को कम करना तथा प्रतिस्पर्धी लागत पर ऋण की उपलब्धता के कारण सौर ऊर्जा की दरों में गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि इन पार्कों के विकास से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2020 तक अक्षय स्त्रोतों के माध्यम से 175 गीगावाट विद्युत उपलब्ध करवाने के सपनों को साकार किया जा रहा है।
नंदलाल शर्मा ने यह भी बताया कि एसजेवीएन हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, नेपाल और भूटान में 13 जल विद्युत परियोजनाओं को को निष्पादित कर रहा है। इसके अतिरिक्त एसजेवीएन बिहार में 1320 मेगावाट की बक्सर थर्मल पावर परियोजना भी निष्पादित कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि एसजेवीएन नेपाल और अरुणाचल प्रदेश की सरकारों के साथ बातचीत कर रहा है। ताकि वहां जल विद्युत क्षमता का दोहन किया जा सके। टीम एसजेवीएन में अपने विश्‍वास को दोहराते हुए शर्मा ने आगे कहा कि एसजेवीएन 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 25000 मेगावाट की स्‍थापित क्षमता हासिल करने में अग्रसर है।


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