नारायण सिंह रावत
सितारगंज। यहां सेंट्रल जेल में पांच कैदियों को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद प्रशासन ने जेल को पूरा सील कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने सिडकुल के एक निजी होटल में सेंट्रल जेल के करीब 80 अधिकारियों व कर्मचारियों को आइसोलेट किया है। इसके अलावा स्वास्थ्य महकमा करीब 80 सस्पेक्टेड कोरोना संक्रमित कैदियों के सैंपल ले रहा है। प्रशासन लगातार स्थिति की अपडेट ले रहा है। यहां रात से ही एक बड़ा सवाल खड़ा है कि आखिर कड़ी सुरक्षा वाली जेल के अंदर कोरोना आखिर पहुंचा कैसे?
मालूम हो कि बीते दिवस संपूर्णानंद केंद्रीय कारागार में पांच कैदी कोरोना पॉजिटिव पाए। जिसके बाद जेल प्रशासन में हड़कम्प मच गया। रात में ही एएमडी (एनएचएम) वंशीधर तिवारी, एसपी सिटी दवेंद्र पींचा, एवं एसीएमओ डा. अविनाश खन्ना आदि जेल पहुंचे। आला अफसरों ने कोरोना पॉजिटिव पाए गए पांचों कैदियों को रात में ही एमबुलेंस से रूद्रपुर ईटीसी सेंटर में आइसोलेट कर दिया। जेल में कोरोना कैसे अंदर पहुंच गया, इसको लेकर प्रशासन मंथन में लगा है। प्रशासन ने आज एहतियातन सभी कैदियों को पूरी तरह लॉक कर दिया है।
साथ ही, जेल के करीब 80 अधिकारियों व कर्मचारियों व अन्य स्टाफ को उनके आवासों तथा सिडकुल के ही निजी होटल में आइसोलेट कर दिया है। बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन के साथ साथ जेल विभाग भी मामले की लगातार जानकारी ले रहा है। स्थानीय पुलिस और प्रशासन पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। जेल अधीक्षक ददी राम मौर्य ने बताया कि जेल में वर्तमान समय में 661 कैदी हैं जबकि 110 का स्टाफ है। जेल अधीक्षक के मुताबिक जब से लॉक डाउन हुआ तब से अब तक कोई भी कैदी न कोई पैरोल पर गया न कोई इनसे मिलने आया है।
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ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आखिर कोरोना जेल के अंदर पहुंचा कैसे? इसका उत्तर न तो जेल प्रशासन के पास ही है और न स्थानीय प्रशासन के पास। जेल के अंदर कोरोना के पहुंचने से शहर में भी हड़कम्प मचा हुआ है। लोगों का कहना है कि जब कड़ी सुरक्षा वाली जेल के कोरोना घुस सकता है तो फिर खुले में वो कितना तांडव मचाएगा। हालांकि पुलिस और प्रशासन इस विषय को गंभीरता से लेकर यह जानने की कोशिश में जुटे हैं कि कोरोना जेल में कैसे आया। बरहाल अभी इसका सही उत्तर किसी के पास नहीं है।
गौरतलब है कि संपूर्णानंद सेंट्रल जेल में जो पांच कैदी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, उनमें से एक कैदी स्वास्थ्य खराब के चलते बीती 22, 23 व 25 मई को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सितारगंज में लाया गया था। जिसको डा. रविन्द्र कुमार द्वारा देखा गया था। जैसे ही इस कैदी के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर स्वास्थ्य विभाग को लगी तो विभाग भौच्च्का रह गया। स्वास्थ्य विभाग ने डा. रविन्द्र कुमार तथा लैब टैक्निकल बृजेश जोशी का सेंपल लिया है और उसे जांच के लिए जिले में भेजा जा रहा है।
संपूर्णानंद सेंट्रल जेल में करीब डेढ़ दर्जन कैदी बीमार बताए जा रहे हैं। यह जानकारी जेल सूत्रों ने दी। उन्होंने बताया कि जेल के अंदर अभी भी करीब डेढ़ दर्जन कैदी बीमार हैं। यदि सूत्रों की इस खबर पर विश्वास किया जाए तो फिर यह गंभीर मामला है। प्रशासन को तुंरत ही इस सूचना पर प्रभावी कार्यवाही करते हुए कैदियों का तत्काल इलाज और उनकी कोरोना जांच करायी जानी चाहिए। यह भी जांच का विषय हो सकता है कि क्या अभी तक इन बीमार कैदियों का इलाज कराया जा रहा था या नहीं?