सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
कोरोना काल ऐसे दिन दिखा रहा है, जिसकी कभी कल्पना भी नही की थी। इंसानी जान का दुश्मन कोरोना अब अल्मोड़ा में रोजाना जाने ले रहा है। आज भैसवाड़ा फार्म का दृश्य बहुत ही हृदयविदारक था। यहां एक साथ सात चिताईं जली, जिनमें से एक शव को लवारिस के अंतर्गत रखा गया। चूंकि इस शव को लेने कोई नही आया था। लावारिस शव का अंतिम संस्कार एसडीआरएफ के जवानों द्वारा किया गया।
उल्लेखनीय है कि अल्मोड़ा में आज कुल मौतों में से 7 शव ऐसे थे, जिन्हें परिजन अपने साथ गांव नही ले गये। अतएव इनका अंतिम संस्कार भैसवाड़ा फार्म में करना पड़ा। इस दौरान यहां पुलिस व प्रशासन के कई लोग मौजूद थे। यहीं एक चौखुटिया निवासी 43 साल के जय प्रकाश के शव को लेने कोई नही पहुंचा। अतएव इस शव को लवारिस घोषित करते हुए एसडीआरएफ को सौंप दिया गया।
एसडीआरएफ के सरिया पानी अल्मोड़ा से आये एसआई देवेंद्र कुमार के हमराह कांस्टेबल विवेकानंद बिष्ट, ललित भाकुनी, सुरेश बहुगुणा, हरीश नाथ ड्राइवर, सुमित राणा अमरीक ने इंस्पेक्टर बालम सिंह बजेली की मौजूदगी में शव का दाह संस्कार किया। बताया जा रहा है कि इस लवारिस शव को छोड़ बाकी सभी मृतकों के परिजन भी वहां मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि अल्मोड़ा में रोजाना कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। वहीं मौतों का सिलसिला भी अब चल पड़ा है। जनपद के विभिन्न ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों से लोगों ने अपने परिजनों को खो दिया है। सबसे चिंताजनक पहलू तो यह है कि इस बात का जवाब किसी के पास नही है कि आखिर मौतों का यह सिलसिला कब रूकेगा ?
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