अल्मोड़ा न्यूज: एसएसजे विवि में राज्य स्थापना दिवस पर गोष्ठी; राज्य के वि​कास को एकजुट प्रयासों की जरूरत—कुलपति; नया विवि बनेगा उत्कृष्ट संस्थान

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ासोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के तत्वावधान में एसएसजे कैंपस के गणित विभाग के सभागार में उत्तराखंड राज्य का स्थापना दिवस मनाया। इस…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के तत्वावधान में एसएसजे कैंपस के गणित विभाग के सभागार में उत्तराखंड राज्य का स्थापना दिवस मनाया। इस मौके पर उत्तराखंड राज्य की उपलब्धियां व चुनौतियां विषयक गोष्ठी आयोजित हुई। जिसमें राज्य के विकास के लिए एकजुट प्रयासों की जरूरत बताई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि विवि के कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी ने दीप प्रज्वलित कर किया।
अपने संबो​धन में मुख्य अतिथि एवं कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी ने सकारात्मक सोच के साथ काम करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच से हर कार्य संभव हो सकते हैं। उत्तराखंड राज्य आंदोलन के अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के लिए अनेकों लोगों ने बलिदान दिया और आज उनके सपनों को साकार करने के लिए मन से बेहतर सोच के साथ काम करना होगा। साथ ही राज्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए अवसर तलाशने होंगे। वि​श्ववविद्यालय के बारे में उन्होंने कहा कि यह नया विश्वविद्यालय है। इसके बनने से निश्चय ही भविष्य में युवाओं को लाभ होगा। उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य विश्वविद्यालय को उत्कृट संस्थान के रूप में विकसित करना है, लेकिन इसमेंं सभी का सहयोग अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि ऊर्जावान नई पीढ़ी को रचनात्मक कार्यों में आगे आना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि एसएसजे परिसर में रोजगारपरक पाठ्यक्रम संचालित करने और नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम संचालित करने के प्रयास होंगे।
इससे पहले मुख्य अतिथि प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी ने परिसर निदेशक प्रो. नीरज तिवारी व अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. जया उप्रेती ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और भारत माता तथा शहीदों के चित्र पर पुष्पार्चन किया। वहीं अतिथियों का बैच अलंकरण कर स्वागत किया गया। संगीत विभाग की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया जबकि एनएसएस के छात्रों ने उत्तराखंड के संदर्भ में जनकवि गिरीश चंद्र तिवारी गिर्दा लिखित गीत का गायन किया। संगीत की छात्रा ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया। हेमा अवस्थी ने मंगल गीत गाकर उत्तराखंड की संस्कृति को उजागर किया। परिसर निदेशक प्रो. नीरज तिवारी ने कहा कि राज्य के विकास के लिए एकजुट प्रयास करने होंगे, तभी सफलता मिलेगी। साथ ही आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा। सिर्फ सरकारों को कोसने से काम नहीं चल सकता।
गोष्ठी का संचालन करते हुए गोष्ठी के संयोजक एवं योग विभागाध्यक्ष डॉ. नवीन भट्ट ने कहा कि नये विश्वविद्यालय को हर दृष्टिकोण से बेहतर बनाने के लिए लगन जरूरी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि कुलपति के निर्देशन में समस्या का समाधान होगा, क्योंकि उनके पास विजन व मिशन दोनों है। इस मौके पर योग शोधार्थी रजनीश पांडे, छात्रनेता दीपक तिवारी, मैत्रेयी लखचौरा, छात्रनेता आशीष पंत ने भी विचार रखे। अंत में डॉ. ममता पंत ने सभी अतिथियों का आभार जताया। इस मौके पर कुलानुशासक प्रो. अनिल यादव, प्रो. इला साह, प्रो. जगत सिंह बिष्ट, प्रो. रुबीना अमान, प्रो. सुशील जोशी, प्रो. निर्मला पंत, प्रो. अरविंद सिंह अधिकारी, प्रो. शेखर चंद्र जोशी, प्रो. नरेंद्र दत्त कांडपाल,

डॉ. संजीव आर्या, प्रो. सोनू द्विवेदी, प्रो. ज्योति जोशी, प्रो. प्रवीण बिष्ट, प्रो. बीसी तिवारी, प्रो. विजया रानी ढोड़ीयाल, प्रो. कौस्तुबानन्द पांडे, प्रो. हरीश जोशी, प्रो. अनिल जोशी, डॉ. प्रीति आर्या, डॉ. बचन लाल, डॉ. भाष्कर चौधरी, डॉ. ममता असवाल, डॉ. माया गोला, डॉ. प्रतिभा फुलोरिया, डॉ. सबीहनाज, डॉ. वंदना जोशी, डॉ. मनोज बिष्ट, डॉ. धनी आर्या, डॉ. ललित चंद्र जोशी, डॉ. देवेंद्र धामी, डॉ. संदीप कुमार, डॉ. पवन जोशी, डॉ. राम चन्द्र मौर्य, डॉ. मुकेश सामंत, डॉ. ममता ध्यानी, डॉ. आशा शैली, डॉ. गौरव कर्नाटक, डॉ. विशाल कर्नाटक, डॉ. विजय बल्लभ, डॉ. तिलक राज जोशी, डॉ. बीसी चौहान, डॉ. दीपा कांडपाल, डॉ. भुवन आर्या समेत छात्र और कर्मचारी मौजूद रहे।

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